भुवनेश्वर। ओडिशा में ज्वेलरी दुकानों में दिवाली से पहले धनतेरस पर जोरदार कारोबार देखा गया, जिसे हिंदू कैलेंडर में सोने की वस्तुओं और अन्य कीमती धातुओं को खरीदने के लिए सबसे शुभ अवसर माना जाता है. धनतेरस के शुभ अवसर पर राज्य के कई शहरों और शहरी क्षेत्रों में कीमती धातुओं की बिक्री में तेजी देखी गई. Read More – Odisha Crime: ऑनलाइन गेम में हारने पर 12वीं के छात्र ने किया सुसाइड, जांच में जुटी पुलिस

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि धनतेरस पर राज्य में करीब तीन क्विंटल सोने के आभूषण और सिक्के बिके. मूल्य के संदर्भ में राज्य भर में कीमती धातुओं का कुल कारोबार 160 करोड़ रुपए है. कुल बिक्री का 50 प्रतिशत केवल राजधानी भुवनेश्वर में दर्ज किया गया.

शुक्रवार को बेरहामपुर, कटक, संबलपुर, वालेसोर, जाजपुर, अनुगुल, राउरकेला और झारसुगुड़ा जैसे शहरों में भी आभूषणों की बिक्री बढ़ गई. राज्य में सोने की कीमतें ओडिशा में 56,000 रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास थीं. कई दुकानों में शाम के समय ग्राहकों की भारी गिरावट दर्ज की गई. धनतेरस सप्ताह में लगभग सभी दुकानों ने अपने व्यवसाय के घंटे बढ़ा दिए हैं. डेली यूज में पहनने के लिए चेन और चूड़ियों जैसे सोने के आभूषणों की भारी मांग थी. ज्वैलर्स ने कहा कि युवा पीढ़ी की मांग पार्टी में पहनने के लिए कंगन, झुमके, पेंडेंट के साथ छोटी चेन जैसे हल्के आभूषणों की थी.

माना जाता है कि धनतेरस पर सोना, हीरे और अन्य कीमती चीजें खरीदना सौभाग्य लाता है. हालांकि, बाजार विशेषज्ञों ने इसे व्यापारिक रणनीति करार देते हुए दावे को खारिज कर दिया.

आजकल सोना एक अच्छा निवेश माना जा सकता है, लेकिन घरेलू उपभोग के लिए आभूषण खरीदना निवेश का साधन नहीं होगा. जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं, वे वास्तविक धातुओं के बजाय कागजी सोने का विकल्प चुन सकते हैं, जो अच्छा रिटर्न देता है. बाजार विशेषज्ञ त्रिनाथ लेंका ने कहा, केवल पारंपरिक विश्वास के आधार पर सोना खरीदना अर्थव्यवस्था के खिलाफ है क्योंकि पैसा अंततः विदेशों में चला जाता है.