रायपुर. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras) मनाई जाती है. दीपावली से दो दिन पहले आने वाली धनतेरस (Dhanteras) इस बार 25 अक्टूबर 2019 शुक्रवार को आ रही है. इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व होता है. खासकर पीतल, कांसे के बर्तन खरीदे जाते हैं. साथ ही इस दिन धन के देवता कुबेर, लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरि का पूजन किया जाता है. पांच दिनी दीपोत्सव का आरंभ भी इसी दिन से होता है.

इस दिन पूजन के बाद शाम को घरों में दीपमालाएं सजाई जाती हैं. धनतेरस (Dhanteras) के दिन शुक्रवार का संयोग आना अत्यंत शुभ माना जा रहा है क्योंकि शुक्रवार मां लक्ष्मी का दिन है. इस दिन लक्ष्मी-कुबेर की पूजा विशेष फलदायी रहेगी. घर की सुख-समृद्धि, संपत्ति में वृद्धि होगी.

बर्तन खरीदने से जुड़ी मान्यता

धनतेरस (Dhanteras) के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर घर की साफ-सफाई करके पोंछा लगाएं. घर के बाहर भी आंगन को झाड़ू से बुहारें. स्नानादि से निवृत्त होकर विभिन्न् रंगों और फूलों से घर के बाहर रंगोली सजाएं. पूजा स्थान को भी साफ करके भी देवताओं का पूजन करें. धनतेरस (Dhanteras) की पूजा सायंकाल के समय की जाती है. सूर्यास्त के बाद पूजा स्थान में उत्तर दिशा की ओर यक्षराज कुबेर और धनवंतरि की मूर्ति या चित्र स्थापित करके उनकी पूजा करें. इससे पहले भगवान गणेश और लक्ष्मी का पूजन भी करें. कुबेर को मावे की सफेद मिठाई या खीर का नैवेद्य लगाएं तथा धनवंतरि को पीली मिठाई भोग के रूप में अर्पित करें. पूजा में पीले-सफेद फूल, पांच प्रकार के फल, चावल, रोली, चंदन, धूप व दीप का इस्तेमाल करें. यम देवता के नाम पर दक्षिण दिशा में चार बत्ती वाला दीपक लगाएं.

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व्यापारी कैसे करें पूजा

धनतेरस (Dhanteras) के दिन अपने प्रतिष्ठानों में व्यापारी भी पूजन करते हैं. इस दिन अपने प्रतिष्ठान, दुकान में साफ-सफाई करके नई गादी बिछाई जाती है. जिस पर बैठकर नए बही खातों का पूजन किया जाता है. दुकान में लक्ष्मी और कुबेर का पूजन भी किया जाता है. यह कार्य पंचांग में शुभ मुहूर्त देखकर सायंकाल के समय किया जाता है.

धनतेरस पूजा का मुहूर्त

  • धनतेरस (Dhanteras) पूजन मुहूर्त- सायं 07:08 बजे से रात 08:14 बजे तक
  • प्रदोष काल- सायं 05:39 से रात 08:14 बजे तक
  • वृषभ लग्न- सायं 06:51 से रात 08:47 बजे तक
  • लाभ चौघड़िया- रात्रि 9.02 से 10.36 बजे तक