लोको डीजल शेड के एक इंजीनियर ने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश दिखाकर रेलवे मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास वर्षों से खड़ी छोटी लाइन का पुराना वाष्प इंजन स्क्रैप माफियाओं के हाथ बेच डाला. मामला उजागर नहीं हो इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक RPF दारोगा की मिलीभगत से शेड के आवक रजिस्टर पर एक पिकअप वैन स्क्रैप के अंदर प्रवेश करने संबंधी एंट्री भी करवा दी. लेकिन ऑन ड्यूटी सिपाही संगीता कुमारी की रिपोर्ट पर जांच शुरू हुई तो पूरा इंजन बेचने का खुलासा हो गया.

इस मामले में पूर्णिया कोर्ट स्थित आरपीएफ के दारोगा एमएम रहमान के बयान पर मंडल के बनमनकी पोस्ट पर रविवार देर शाम प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसमें इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया है. उधर, डीआरएम आलोक अग्रवाल के आदेश पर इंजीनियर व हेल्पर के अलावा डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दारोगा वीरेंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मामला उजागर होने के बाद से फरार चल रहे इंजीनियर आरआर झा की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.

यह है स्टीम इंजन का पूरा मामला

14 दिसंबर 2021 को समस्तीपुर डीजल शेड के इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव के साथ पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास वर्षों से खड़ी पुराने वाष्प इंजन को गैस कटर से कटवा रहे थे. पूर्णिया आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान आर ने रोका तो इंजीनियर ने डीजल शेड के डीएमई का पत्र दिखाते हुए आरपीएफ को लिखित रूप से मेमो दिया कि इंजन का स्क्रैप वापस डीजल शेड ले जाना है. अगले दिन सिपाही संगीता ने स्क्रैप लोड पिकअप के प्रवेश की एंट्री देखी लेकिन स्क्रैप था ही नहीं. संगीता ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी.

डीएमई बोले-आदेश जारी ही नहीं हुआ

आरपीएफ की पूछताछ के दौरान डीएमई ने कहा, इंजन का स्क्रैप लाने के लिए डीजल शेड से कोई आदेश जारी नहीं हुआ. सिपाही संगीता की सूचना के बाद स्क्रैप की खोज शुरू हुई. मंडल सुरक्षा आयुक्त एके लाल के मुताबिक एमएम रहमान ने डीजल शेड से जारी पत्र के बारे में जांच शुरू की तो शेड के डीएमई ने इस तरह का कोई भी पत्र कार्यालय से जारी करने की बात से इनकार कर दिया. दो दिनों तक खोज के बाद भी कहीं स्क्रैप लोड वाहन की जानकारी नहीं मिली. फिर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.