Maha Kumbh 2025 Premanand Maharaj. 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ होने वाला है. इससे पहले इस महापर्व का उत्साह लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. पूरे देश में महाकुंभ को लेकर माहौल बन चुका है. हर कोई आस्था और संस्कृति के इस पर्व में संगम में डुबकी लगाना चाहता है. इतना ही नहीं विदेशों में इस महापर्व को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. कई महमान भी यहां पहुंचने लगे हैं. लेकिन आखिर इस कुंभ की महिमा क्या है इस बारे में हम जानेंगे. प्रेमानंद महाराज जी, जो वृंदावन के संत हैं उन्होंने कुंभ को लेकर तीन बातें बताई. जिससे हमे ये पता चलेगा कि हमें कुंभ क्यों जाना चाहिए.

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महराज जी कहते हैं कि ‘हम अलग-अलग जाकर संत दर्शन करें तो जीवन हो जाएगा इतने संतों के दर्शन नहीं कर पाएंगे और अगर हम प्रयाग जाएं तो एक साथ समस्त विश्व के संतों के दर्शन हो जाएंगे. दूसरी बात- भगवत तत्व के ज्ञाता महापुरुषों की वाणी सुनने को मिलती है, तीसरी बात- गंगा यमुना तो पावन करने वाली हैं ही लेकिन उनको भी पावन करने वाले महात्मा उसमें अवगाहन करते हैं आकर तो अगर हम उसमें स्नान करेंगे तो पवित्र हो जाएंगे’.

‘तीरथपति पुनि देखु प्रयागा, निरखत जन्म कोटि अघ भागा’

महराज जी आगे कहते हैं कि ‘तीरथपति पुनि देखु प्रयागा। निरखत जन्म कोटि अघ भागा॥’ इसका अर्थ ये है कि तीर्थराज प्रयाग के दर्शन मात्र से करोड़ों जन्मों के पाप भाग जाते हैं. वे आगे कहते हैं कि ‘कोई साधारण स्थान थोड़ी है, तीर्थराज प्रयाग है. करोड़ों की संख्या में लोग वास करेंगे तीर्थराज प्रयाग में.’