गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि डीआईजी रैंक के एक अधिकारी को अपने जूनियर से रंगदारी वसूलने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. इस संबंध में मंत्रालय ने बुधवार रात एक अधिसूचना जारी कर शफी-उल-हक को भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता का दोषी ठहराया.
यह अधिसूचना राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की मंगलवार को सौंपी गई रिपोर्ट पर आधारित है. ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, हक को इस साल जून से पहले मुंगेर रेंज के डीआईजी के रूप में तैनात किया गया था. मुंगेर में अपने कार्यकाल के दौरान वह पुलिस विभाग के जुनियर अधिकारियों के साथ रंगदारी में लिप्त था. उसके पास मुंगेर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद उमरान नाम का एक भरोसेमंद अफसर भी था. उमरान ने विभाग के जूनियर कर्मियों से रंगदारी वसूलने के लिए एक एजेंट को काम पर रखा था.
उसके खिलाफ कई शिकायतों के आधार पर जांच की गई जिसमें आरोप सही पाए गए. तदनुसार, उन्हें 19 जून, 2021 को पटना में पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया. विभाग ने उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू जांच भी शुरू की. गृह मंत्रालय ने उन्हें निलंबन अवधि के दौरान पटना रेंज के आईजीपी कार्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है.
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