Digital Arrest Cyber Crime: आप, आपका परिवार, रिश्तेदार या कोई जानकार भी ‘डिजिटल अरेस्ट’ हो सकता है. यह साइबर ठगी का नया तरीका है. ठग नई-नई मॉडस ऑपरेंडी इस्तेमाल कर रहे हैं. ताजा मामला नोएडा में एक लड़की को ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके 11 लाख रुपये से अधिक की वसूली का है. इस घटना ने फिर जांच एजेंसियों का ध्यान खींचा है. क्या है वो ट्रिक, क्या है बचाव के तरीके. आज यह पढ़कर आप न सिर्फ खुद, बल्कि ‘अपनों’ को सुरक्षित रख सकते हैं.

क्या है डिजिटल अरेस्ट?

आसान भाषा में अगर आपको डिजिटल अरेस्ट का मतलब समझाएं तो जब किसी भी व्यक्ति पर वीडियो कॉलिंग के जरिए नजर रखी जाती है उसे डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है. पीड़ित व्यक्ति को डराया धमकाया जाता है और वीडियो कॉलिंग से दूर नहीं होने दिया जाता, कुल मिलाकर पीड़ित व्यक्ति जहां भी है उसे डिजिटल माध्यम के जरिए एक ही जगह पर बैठे रहने पर मजबूर कर दिया जाता है.
डिजिटल अरेस्ट के वक्त पीड़ित व्यक्ति को किसी से बात करने और न ही कहीं जाने की परमिशन होती है और ये सिलसिला उस वक्त तक चलता है जब तक पीड़ित व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को पैसे देने के लिए मजबूर नहीं हो जाता.

कैसे बनाते हैं विक्टिम?

पुलिस स्टेशन जैसे सेटअप से विडियो कॉल कर विक्टिम को बुरी तरह डराए रहते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड की डिटेल बताकर विक्टिम यकीन दिलाते हैं कि आपका संदिग्ध एक्टिविटी में नाम आ चुका है. फिर वेबकैम, स्काईप, मोबाइल से वीडियो पर आमने-सामने होकर कई घंटे मकसद पूरा होने तक डर में बांधे रखते हैं. विक्टिम को फोन बंद नहीं करने देते.

जब वे समझ जाते हैं कि डर के मारे विक्टिम अब उनकी सारी बातें फॉलो कर रहा है. इतने में विक्टिम का डिस्क्लोजर ले लेते हैं, जिसमें बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड, शेयर, इनवेस्टमेंट, घर के सदस्यों की संख्या, प्रॉपर्टी की डिटेल, सभी के मोबाइल नंबर, घर का एड्रेस, प्रफेशन, मंथली इनकम जैसी पर्सनल जानकारियां. उसके बाद वह अपने रुख में नरमी दिखाकर कहते हैं कि आप ईमानदार और निर्दोष हैं, लगता है आप गलत फंस गए हैं. वे विक्टिम को कहते हैं कि हम आपके सभी फाइनैंशल अकाउंट्स की स्टडी करेंगे. तब तक आप सारा पैसा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कीजिए. स्टडी करने के बाद पैसा आपको वापस कर दिया जाएगा. कानूनी फंदे और शिकंजे में फंसने से बचने के चक्कर में विक्टिम सारा पैसा गंवा देता है. ‘डर’ की यही मॉडस ऑपरेंडी चल रही है. डीसीपी ने कहा कि, हमारे पास ऐसे कई केस आए हैँ. उनकी इन्वेस्टिगेशन चल रही है.

इस स्कैम से कैसे बचें?

अगर आपको भी साइबर क्राइम से जुड़े हेल्पलाइन का नंबर नहीं पता तो अभी अपने फोन में 1930 नंबर को सेव कर लीजिए. ये नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर है जिसपर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. खुद को स्कैम और फ्रॉड जैसी घटनाओं से अपडेट रखें ताकि अगर कोई आपके साथ ऐसा कुछ भी करने का ट्राई करे तो आप पहले से ही अलर्ट हो और कोई आपको नुकसान न पहुंच पाए. अगर आपको ऐसा कोई कॉल आए तो घबराना नहीं है, अगर ऐसा कोई भी लीगल मामला है तो उसे फॉर्मल प्रोसेस के जरिए आगे बढ़ाया जाता है न कि फोन पर धमाका डराकर.

अगर ऐसा कोई कॉल आए और कोई आपसे पैसे की मांग करे तो आपको पैसे ट्रांसफर नहीं करने हैं और न ही आपको बैंक अकाउंट या कार्ड डिटेल शेयर करनी है.