भोपाल। गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुने जाने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान का पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने समर्थन किया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि गीता प्रेस आजादी के वक्त गांधी की विचारधारा से सहमत नहीं था. अब उसे ही गांधी पुरस्कार दिया जा रहा है. जयराम के बयान का कुछ कांग्रेस विरोध कर रहे तो कुछ सपोर्ट कर रहे हैं.

दिग्विजय और पीसी शर्मा ने दिया बयान

पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि गीता प्रेस देश की सबसे पुरानी प्रेस है. आजादी के वक्त गांधी की विचारधारा से सहमत नहीं थे. उस बात का उल्लेख जयराम ने किया है. अब गांधी पुरस्कार उस प्रेस को दिया जा रहा है. जिसने गांधी जी कि विचारधारा का विरोध किया था. पीसी शर्मा ने कहा कि गीता प्रेस स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी की विचारों से सहमत नहीं थे. बीजेपी की सरकारें वही चीजें बोलते हैं जो गांधी और नेहरू के खिलाफ हो. जयराम ने उसी का उल्लेख किया होगा.

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जयराम रमेश ने क्या कहा है ?

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार दिया जाएगा. गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुने जाने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विवादित ट्वीट किया है. उन्होंने गीता प्रेस गोरखपुर को पुरस्कार देने की तुलना गोडसे को सम्मानित करने से की है.

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जयराम रमेश ने ट्ववीट में लिखा कि “2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है जो इस साल अपनी शताब्दी मना रहा है. अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की 2015 की एक बहुत ही बेहतरीन जीवनी है जिसमें वह महात्मा के साथ इसके तूफानी संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है. यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है.”

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