भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार दिग्विजय सिंह 30 सितंबर से राजनीति से हटकर आध्यात्मिक जीवन जिएंगे. वे छै महीने तक अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ पैदल 2600 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा करेंगे. इस दौरान वे केवल भिक्षा मांगकर खाना खाएंगे.
इस दौरान दिग्विजय सिंह बिल्कुल सामान्य जीवन जीएंगे. वे न किसी के घर जाएंगे न ही किसी के घर का पका भोजन ग्रहण करेंगे. वे गांव में रात्रि विश्राम करेंगे. दिग्विजय सिंह ने इस यात्रा के बारे में बताया है कि ये पूरी तरह से आध्यात्म यात्रा है. इस यात्रा की शुरुआत 30 सितंबर को नरसिंहपुर जिले से होगी. इस अवसर पर जगदगुरु शंकराचार्य स्वरुपानंद महाराज मौजूद रहेंगे. ये पूरी यात्रा पैदल होगी. इस दौरान किसी भी परिस्थिति में वे यात्रा अधूरा नहीं छोड़ेंगे.
इससे पहले मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव 2003 में हारने के बाद दिग्विजय सिंह ने दस साल तक कोई मंत्रीपद नहीं लिया था. जबकि 2004 से 2014 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही. दिग्विजय सिंह की ये यात्रा उस वक्त हो रही है जब राज्य की सत्ता पर बीजेपी की पकड़ बेदह मजबूत हो चुकी है. राज्य में कांग्रेस की राजनीति में भी दिग्विजय सिंह का वर्चस्व खत्म सा हो चला है. उनकी जगह कमलनाथ या ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्य की कमान देने की पूरी तैयारी कांग्रेस आलाकमान ने कर रखी है.
इन हालात में लोगों के मन में यही सवाल है कि ये राजनीति के बीच में आध्यात्मिक यात्रा है. या राजनीति पारी के बाद की आध्यात्म यात्रा या फिर आध्यात्म के ज़रिए राजनीति के चतुर खिलाड़ी दिग्वजिय अपनी ज़मीन नए सिरे से बना रहे हैं. गौरतलब है कि इसी साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नमामि नर्मदे के नाम से नर्मदा की यात्रा पूरी कर चुके हैं.