शब्बीर अहमद,भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. दिग्विजय सिंह ने यूक्रेन से वापस आए छात्रों के लिए स्वदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स प्रवेश योजना बनाने आग्रह किया है. सभी छात्रों की पढ़ाई का खर्च भी सरकार को उठाने कहा है. फिलहाल युद्ध समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है. युद्ध समाप्त भी गया, तो जल्द पढ़ाई शुरू होना संभव नजर नहीं आ रहा है.

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दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के समय यूक्रेन में अध्ययनरत भारत के हजारों छात्रों का संकट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप के बाद भी फिलहाल युद्ध विराम की संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसी स्थिति में यूक्रेन में फंसे मेडिकल छात्रों के सामने अपनी पढ़ाई जारी रखने पर संशय की स्थिति है.

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यूकेन में चिकित्सा शिक्षा लेने गये छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. रूस के हमलों में शैक्षणिक संस्थान भी क्षतिग्रस्त हो गये है. फिलहाल न तो युद्ध समाप्त होने की संभावना नजर आ रही है. यूक्रेन में चल रहा युद्ध यदि समाप्त भी हो जाता है, तो वहां के मेडिकल कॉलेजों के शीघ्र प्रारंभ होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.

चिकित्सा क्षेत्र में देश को सेवाएं देने के लिये तैयार हो रहे इन हजारों छात्रों के भविष्य को देखते हुए मेरी आपसे अपील है कि भारत सरकार यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिये एक विशेष योजना बनाये और देश में चल रहे समस्त शासकीय के साथ-साथ निजी मेडिकल कॉलेजों में ऐसे छात्रों को एम.बी.बी. एस. कोर्स में दाखिला दिलवाये. ऐसे सभी स्टूडेंट्स की फीस भारत सरकार को अपनी ओर से जमा करनी चाहिये. इन छात्रों के परिवार पूर्व में ही बड़ी धन राशि एडमीशन के नाम पर खर्च कर चुके है. ये मध्यमवर्गीय परिवार देश के निजी मेडिकल कॉलेजों में अपने बच्चों को पढ़ाने की हैसियत नहीं रखते है. 

दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि भारत सरकार यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों की आशंका को दूर करते हुए जनहित में नियमों को शिथिल कर “यूक्रेन से वापस स्वदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स प्रवेश योजना” बनाई जाये. साथ ही एक अभियान चलाकर सभी छात्रों को उनकी सुविधा अनुसार एडमीशन दिलाया जाये. मैं उम्मीद करता हूँ कि 20 हजार से अधिक मेडिकल स्टूडेंट्स के सामने छाये अंधेरे को दूर करने के लिये प्रवेश संबंधी नीतिगत निर्णय लेकर छात्रों और अभिभावकों को राहत पहुँचाने का कष्ट करेंगे. व्यापक “देशहित और लोकहित” के निर्णय के लिये मैं आपका आभारी रहूंगा.

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