डिंडोरी, दीपक ताम्रकार। मध्यप्रदेश के डिंडोरी पुलिस ने 5 साल पहले हुए महिला के अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा लिया है. पुलिस ने राजेंद्रग्राम निवासी आरोपी प्रवीण गुप्ता को गिरफ्तार कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया है. आरोपी की शादी तय हो गई थी, इसलिए वो अपनी माशूका से पीछा छुड़ाना चाह रहा था, लेकिन बात नहीं बनी तो उसे रास्ते से ही हटाने का प्लान बना लिया. उसने महिला की हत्या कर दी. जिसका चश्मदीद उन दोनों का बेटा है.
डिंडोरी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के मुताबिक 15 दिसंबर 2016 को हर प्रसाद मरावी (64 वर्ष) निवासी बरगी ने डिंडोरी थाना में एक लिखित आवेदन दिया था, कि उसकी बेटी पार्वती उर्फ बबली (30 वर्ष) 7-8 महीने पहले राजेन्द्रग्राम निवासी प्रवीण गुप्ता के साथ पति-पत्नी के रूप में रह रहे थे. दोनों डिंडोरी के हंस नगर में द्वारका प्रसाद बिलागर के मकान में किराए से रह रहे थे, जिनका एक बेटा भी है, जिसका नाम उज्जवल गुप्ता है. वो भी साथ में रहता था.
हरप्रसाद को उस दौरान खबरों से पता चला था कि पार्वती का बेटा उज्जवल बिलासपुर की बाल कल्याण समिति में मिला था. रिपोर्ट पर थाना कोतवाली डिंडोरी में गुम इंसान कायम कर जांच में लिया गया था, गुम इंसान कायम के दौरान जांच में एक बात सामने आई थी कि 13 से 14 अप्रैल वर्ष 2016 को पार्वती अपने बेटे उज्जवल (5 वर्ष) के साथ अपने पति प्रवीण गुप्ता से मिलने जाने की बात कहकर घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी.
बेटे उज्जवल ने खोला राज !
प्रवीण और पार्वती के बेटे उज्जवल का डिंडोरी जिला न्यायालय में धारा 164 के कथन कराया गया. जिसमें उसने बताया कि पापा प्रवीण गुप्ता गाड़ासरई से सफेद कार लेकर आए थे, जिनके साथ मैं और मम्मी बैठकर गए थे. रास्ते में रात को जंगल आने पर मम्मी को मार कर फेंक दिया. इस पर थाना कोतवाली डिंडोरी में अपराध क्रमांक 799/ 2021 धारा 302, 317, 201, 120 बी एससी एसटी एक्ट कायम कर विवेचना में लिया गया था.
SP ने गठित की थी SIT टीम
एसपी अमित कुमार ने मामले में गुमशुदा की तलाश पतासाजी और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसडीओपी रवि प्रकाश कोल के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित किया. SIT की टीम ने आरोपी प्रवीण गुप्ता को पकड़कर पूछताछ की, जिसमें आरोपी ने जुर्म करना स्वीकार कर लिया.
2009 में हुई थी दोस्ती
पुलिस की पूछताछ में आरोपी प्रवीण ने बताया कि वो पार्वती को साल 2009 से जानता था. उनकी जान पहचान प्यार में बदल गई. उसके बाद दोनों पति – पत्नी के रूप में डिंडोरी के हंस नगर में द्वारका प्रसाद बिलागर के किराए के मकान में रहने लग गए. इसी दौरान साल 2011 में बेटे उज्जवल का जन्म हुआ था.
घर वालों ने तय कर दी थी प्रवीण की शादी
आरोपी प्रवीण गुप्ता ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसकी शादी समाज में तय हो जाने के बाद जब पार्वती को यह पता चला, तो दोनों के बीच विवाद हुआ. आरोपी ने महिला को समझाने की कोशिश की और कहा कि तुम्हारा भी पूरा ख्याल रखूंगा. लेकिन पार्वती नहीं मानी. आरोपी की शादी 22 अप्रैल 2016 को तय हुई थी. उसने पार्वती को समझाने के लिए 13, 14 अप्रैल 2016 को फोन कर गाड़ासरई में मिलने के लिए बुलाया. तब महिला बेटे उज्जवल के साथ गाड़ासरई मिलने आई. जिसे आरोपी अमरकंटक लेकर गया. आरोपी ने पार्वती को बहुत समझाया, लेकिन पार्वती नहीं मानी.
पहले धक्का दिया, फिर चढ़ा दी कार
एसपी ने अनुसार आरोपी प्रवीण गुप्ता ने पार्वती को रास्ते से हटाने का सोच लिया था. शहडोल से घुन घुटी वाले रास्ते में लेकर जो काफी सुनसान रहता है, तब तक रात हो चुकी थी. बड़ी तुममी से घुन घुटी वाले रास्ते में सिद्ध बाबा घाट के पास चलती कार से पार्वती को नीचे गिरा दिया. फिर खुद कार उसके ऊपर चढ़ा दिया. जिससे पार्वती की मौत हो गई. इसके बेटे उज्जवल को अमलई रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठा कर अपने साथ अनूपपुर तक आया. चिप्स लेकर आता हूं बोलकर स्टेशन से बाहर आकर अपनी कार से घर चला गया.
आरोपी गिरफ्तार, महिला का नहीं मिला शव
इस पूरे मामले में वर्ना कार का अर्थ और जेक रॉड का इस्तेमाल हुआ था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. पुलिस ने आरोपी प्रवीण गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं पुलिस गुमशुदा पार्वती के शव की तलाश वन विभाग के अमले के साथ लगातार कर रही है. क्योंकि अभी तक महिला का शव नहीं मिला है.
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