नीरज काकोटिया, बालाघाट। किसी ने सच ही कहा है कि जब दोस्ती या व्यवसायिक पार्टनरशिप में स्वार्थ आ जाता है तो वर्षों पुराने सम्बंधों में दरार आना स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही वाक्या बालाघाट जिले के वारासिवनी-खैरलांजी विधायक व खनिज निगम अध्यक्ष प्रदीप गुड्डा जायसवाल और रेत कारोबारी व मप्र कबड्डी संघ उपाध्यक्ष राजेश पाठक के बीच चल रही जुबानी जंग से सामने आ रहा है।
दरअसल, दो-तीन दिन पहले पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने विधायक प्रदीप जायसवाल पर रेत कारोबारी राजेश पाठक से अभद्रता और धक्का मुक्की करने के आरोप लगाते हुए कहा था कि “तुमने एक ब्राह्मण का अपमान किया है, जिसका श्राप तुम्हें लगेगा। विधायक बिसेन के इसी बयान को लेकर विधायक प्रदीप जायसवाल ने बिसेन और राजेश पाठक को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि बिसेन जिसे समाजसेवी बताते हुए अपने साथ लेकर घूमते हैं। वह राजेश पाठक रेत और शराब माफिया है। जिसके संरक्षण में अवैध रेत खदानें चल रही हैं। जिसके गुंडे आवास योजना के लिए रेत ले जाने वाले ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा रेत चोरी का मामला दर्ज करवाते हैं। वारासिवनी क्षेत्र के कई लोगों की रकम पाठक के रेत कारोबार में लगी हुई है, जिन्हें वह वापस नहीं कर रहा है। मेरा प्रयास है कि लोगों की रकम उनको वापस दिलवाऊं।
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विधायक जायसवाल के इन्हीं आरोपों को लेकर राजेश पाठक ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधायक पर गम्भीर आरोप लगाए और कहा कि विधायक जायसवाल के साथ उनके रेत एवं शराब कारोबार में पिछले 20-22 सालों से पार्टनरशिप है। आज भी उनके रेत कारोबार का ऑफिस जायसवाल के घर पर संचालित हो रहा है। दरअसल, जायसवाल उनसे अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए अवैध रूप से रुपयों की डिमांड करते हैं। कांग्रेस की सरकार में जब वे खनिज मंत्री थे तो उन्हें अवैध कमाई का चस्का लग गया था।
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