बुरहानपुर/हरदा। मध्यप्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में आज सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी में जमकर तकरार की स्थिति बनी। बुरहानपुर में जहां प्रत्याशी के समर्थकों ने नेताओं को जमकर खरी खोटी सुनाई, वहीं हरदा में चुनाव का बहिष्कार कर कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।

मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी के बागी गंगाराम मार्को अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्हें चंद घंटे पहले ही बीजेपी ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। वहीं उपाध्यक्ष पद चुनाव के लिए विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। बीजेपी समर्थित गजराज राठौर की पत्नी ललिता को उपाध्यक्ष पद के लिए अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किया जिससे नाराज गजराज के समर्थकों ने आक्रोश जताया। कहा कि विधानसभा लोकसभा चुनाव में बंजारा समाज बीजेपी का समर्थन करता हैं उसके बाद भी गजराज की पत्नी ललिता को उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया।

इसे लेकर नाराज समर्थकों ने भाजपा नेताओं को खरी-खोटी सुनाई। पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के समर्थक गजानन महाजन जिला पंचायत उपाध्यक्ष बन गए है। जिला पंचायत पर बीजेपी के समर्थित प्रत्याशी गजानन उपाध्यक्ष पद पर काबिज हुए है। बीजेपी ने आनन-फानन में गंगाराम मार्को को अध्यक्ष पद प्रत्याशी बनाया, जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। मार्को 2 वोटो से जीत गए। उनके सामने निर्दलीय उम्मीदवार गेंदू बाई को हार का सामना करना पड़ा। मार्को को 6 वोट और गेंदू को 4 वोट मिले।

चुनाव का बहिष्कार कर कांग्रेसी बैठे धरने पर
हरदा, कपिल शर्मा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा समर्पित गजेंद्र शाह 7 वोटों से विजयी हुए हैं। वहीं कांग्रेसियों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव प्रक्रिया के दौरान भाजपा ने 4 लोगों को टेंडर वोट के लिए अंदर भेज दिया। जिसका विरोध करते हुए कांग्रेसी धरने पर बैठ गए।

इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मीनारायण ठाकुर ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे बाहर आने लगे तो जिला प्रशासन एवं पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें बाहर नहीं आने दिया। तीनों प्रत्याशियों को बंदी बनाकर अंदर ही बैठाए रखा। इसके बाद कांग्रेसी जिला पंचायत के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी कविता उइके ने कहा कि जब मैंने बाहर आने को कहा तो उन्होंने मुझे बाहर नहीं आने दिया। मैंने बोला कि मेरी 1 साल की बेटी बाहर रो रही है फिर भी उन्होंने बाहर नहीं आने दिया।

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ आरके दोगने ने कहा कि अध्यक्ष चुनाव में 10 वार्डो के सभी सदस्य हमारे थे और हम चुनाव जीत रहे थे, लेकिन भाजपा ने घबरा कर 4 टेंडर वोट डलवा दिए। जो 4 टेंडर वोट ले गए वो कांग्रेस में वोट डालते, लेकिन भाजपा ने टेंडर वोट डलवा कर जीत हासिल की है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें आने दिया। इस प्रकार प्रशासन एवं भाजपा ने सरासर अन्याय किया है। जिसका विरोध करते हुए हम बाहर धरने पर बैठ थे। आगे हम आंदोलन भी करेंगे और कोर्ट जाएंगे।

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