पुरूषोत्तम पात्र, गरियाबंद. नगर पालिका गरियाबंद में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ दिव्यांग कोमल वर्मा ने शनिवार को प्रभारी आरटीओ शैलाभ साहू के समक्ष पहुंचकर एक लिखित शिकायत की है. शिकायत में कहा कि 25 सितंबर को जब वह अपने निवास पोड से परमेश्वरी बस सर्विस के बस क्रमांक सीजी 23 ई 3273 पर सवार हुआ तो, बैठते ही परिचालक उससे दुर्व्यहार करना शुरू कर दिया. आप बीती को बताते हुए वे रो पड़े.

कोमल ने कहा कि एक सीट से दूसरे सीट तक लगातार हटाकर अंतिम सीट में भेज दिया. जबकि उसके पास सरकारी योजना के तहत बने बस पास भी था. उसने बताया कि इस पास को देखते हुए उसे बस का बोझ बोला गया. उसने बताया कि सीट खाली रहने के बावजूद कई बस चालक उसको देख कर नहीं रोकते. बस में दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीट भी उनके लिए सुरक्षित नहीं रखा जाता.

परमिट होगी निरस्त

आरटीओ शैलाभ साहू ने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग के लिए परिवहन पास का प्रावधान है. परमिट शर्तो में यह भी स्प्ष्ट है कि इन वर्गों के लिए सीट आरक्षित रखना है. नियम ताक में रखकर संचालन करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. जांच के लिए संचालक को नोटिस दिया जा रहा है. जांच में दोषी पाए गए तो परमिट निरस्त होगी.

बस दुर्घटना में हुए अंग खराब

कुकदा निवासी कोमल ने बताया कि 24 जनवरी 2013 को नवागढ़ मोड़ के पास हुए बस हादसा का शिकार हो गया था. हादसे में उसके दांया पैर,  रीढ़ कि हड्डी टूट गई. जबड़े में भी चोट आई. माता-पिता के इकलौते बेटे को बचाने जमीन बेचना पड़ा. अभी एक एकड़ खेत में ही किसानी करने के अलावा बूढ़े मा-बाप मजदूरी करते हैं. गुजारा करने गरियाबंद पालिका में 5 हजार रुपए में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करता है.