रायपुर– डीकेएस हॉस्पिटल घोटाला मामले गिरफ़्तार आरोपी सुनील अग्रवाल को साथ रायपुर लाने के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस को असफलता हाथ लगा है. दिल्ली में गिरफ्तार पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन एजीएम सुनील अग्रवाल को दिल्ली कोर्ट ने ट्रांजिट बेल दे दिया है. शाम करीब साढ़े पांच बजे दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तार AGM सुनील अग्रवाल को ट्रांजिट बेल दी है, साथ ही सोमवार को रायपुर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया, जिसके बाद रायपुर पुलिस को सुनील अग्रवाल को छोड़ना पड़ा. आपको बता दे अगर रायपुर पुलिस को ट्रांजिट रिमांड मिल गयी होती तो वो सुनील अग्रवाल को वो अपने साथ गिरफ़्तार करके लाती.

रायपुर पुलिस ने करीब ढ़ाई बजे पंजाब नेशनल बैंक के AGM सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड के लिए दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट में सुनील अग्रवाल के वकील ने जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया. साथ ही 1 लाख का बॉंड जमा किया और कोर्ट को आश्वासन दिया कि सुनील अग्रवाल प्रतिष्ठित व्यक्ति है उसको गिरफ़्तार करके न ले जाने दिया जाए, सोमवार को वो रायपुर कोर्ट में प्रस्तुत हो जाएगा. वकील ने कोर्ट को बताया कि आज तक ना तो मुवक्किल को पुलिस की ओर से कोई नोटिस मिला और ना ही एफआईआर में उनका नाम दर्ज था, बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया. सुनील अग्रवाल के वकील की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने उन्हें  ट्रांजिट बेल दे दी. सुनील अग्रवाल अब सोमवार को रायपुर में पेश होंगे.

जाने क्या होता है ट्रांजिट रिमांड/बेल ?

आज शाम को रायपुर शहर में ये हल्ला मच गया कि दिल्ली में गिरफ़्तार PNB के AGM सुनील अग्रवाल को ज़मानत मिल गयी है जिसके बाद से रायपुर पुलिस की किरकिरी होने लगी! लेकिन आपको बता दे कि किसी व्यक्ति को गिरफ़्तार करने के बाद पुलिस को सम्बंधित कोर्ट में (जिस शहर में मामला दर्ज हो) 24 घंटे के अंदर प्रस्तुत करना होता है, अगर किसी कारण पुलिस आरोपी की 24 घंटे के अंदर कोर्ट में प्रस्तुत नहि कर पायी तो उसको गिरफ़्तार किए गए सम्बंधित शहर के कोर्ट में प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमांड लेना होता है. चुकि आरोपी सुनील अग्रवाल को रायपुर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ़्तार किया था और उसे 24 घंटे के अंदर रायपुर कोर्ट में प्रस्तुत कर पाना सम्भव नहि था तो रायपुर पुलिस ने आरोपी सुनील अग्रवाल को ट्रांजिट रिमांड के लिए दिल्ली कोर्ट में पेश किया, उसके बाद अगर कोर्ट ने पुलिस को रिमांड लेने का आदेश देती तो आरोपी सुनील अग्रवाल को रायपुर पुलिस गिरफ़्तार करके साथ ले आती. लेकिन दिल्ली कोर्ट ने रिमांड न देकर बेल दे दिया जिसके कारण सुनील अग्रवाल को रायपुर पुलिस ने रिहा कर दिया. साथ ही किसी भी व्यक्ति को पूर्ण ज़मानत सम्बंधित शहर या राज्य का कोर्ट ही दे सकता है जहाँ मामला दर्ज हो. अब सुनील अग्रवाल कोर्ट में दिए गए शर्तों के हिसाब से सोमवार को रायपुर कोर्ट में प्रस्तुत होना होगा, वरना वो फ़रार घोषित हो सकता है! क्योंकि रायपुर पुलिस ने दिल्ली कोर्ट में गिरफ़्तारी दर्ज करा दिया है! रायपुर कोर्ट में आरोपी के पेश होने बाद रायपुर पुलिस चाहे तो पूछताछ के लिए रिमांड की माँग कर सकती है! या कोर्ट ज़मानत दे दे!

गौरतलब है कि पीएनबी के तत्कालीन एजीएम सुनील अग्रवाल पर फर्जी तरीके से बैंकिंग प्रकिया पूरी कर डॉ. गुप्ता को करोड़ों रुपये उपलब्ध कराने का आरोप है. फर्जी दस्तावेजों के जरिए डॉ. गुप्ता को पीएनबी से लोन स्वीकृत हुआ था, जिसमें सुनील अग्रवाल ने मदद की थी. बता दें कि 65 करोड़ के लोन की इस रकम के एवज में डीकेएस सरकारी अस्पताल पीएनबी की बंधक प्रॉपर्टी है.