भारतीय बाजार में चल रहे महंगाई के दौर में आपकी थाली में परोसी जाने वाली एक-एक रोटी की कीमत बढ़ गई है, पिछलें 12 सालों में आटे की कीमत ऊचांई पर है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक देश में गेहूं का उत्पादन घट रहा है और स्टॉक भी कम हो रहा है. उपभोक्ता मंत्रालय के रिपोर्ट में एक साल में एक किलो आटे की कीमत 4 रुपये से ज्यादा बढ़त दर्ज की गई है. 9 मई को देश में एक किलो आटे की औसत कीमत 32.91 रुपये रिकार्ड ऊचांई पर माना जा रहा है.

आटा ही नहीं इनके रेट पर भी डालिए नजर

  • 10 साल में एक किलो चावल की कीमत 42 फीसदी तक बढ़ी.
  • एक किलो तुअर दाल की कीमत 10 साल में 70 रुपये से बढ़कर 102 रुपये के पार पहुंची. 48 फीसदी का तक उछाल आया है.
  • मूंगफली तेल 10 साल में 43% तक महंगा हो गया है.
  • सरसों के तेल की कीमत 84% तक बढ़ी है.
  • पाम ऑयल की कीमत 10 साल में 140% बढ़ गई है.
  • वनस्पति तेल 10 साल में 129% महंगा हो गया है.

आटे के दाम बढ़ने से बढ़े बेकरी आयटम के दाम

आटे की कीमत बढ़ने से बेकरी आइटम्स के रेट भी आसमान छू रहे है. बिस्किट और ब्रेड की कीमतें इस साल मार्च में 8.39 फीसदी रही थी, जो 7 साल में सबसे ज्यादा है. जैम बिस्किट, मैरी गोल्ड जैसे बेकरी आइटम्स बनाने वाली ब्रिटानिया आने वाले समय में अपनी कीमतों में 10 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी में है.

आंकड़ों के मुताबिक 2022 जनवरी से ही आटे की कीमत तेजी से बढ़ रही है. 1 जनवरी से अब तक आटे की कीमत में 6 फीसदी तेजी आई है. देश के बाहर गेहूं की डिमांड भी बढ़ रही है. रुस युक्रेन इन दोनों देशों में युद्ध की वजह से दुनियाभर में गेहूं की कमी हुई है और कीमतें बढ़ रही हैं. भारत में गेहूं की कीमत बढ़ने का एक कारण ये भी है कि ये भारतीय गेहूं की बाहर बहुत ज्यादा डिमांड है, जिससे देश में कीमतें बढ़ने लगी हैं. इसके अलावा डीजल की बढ़ती कीमत से गेहूं को लाने-ले जाने वाला खर्च भी बढ़ गया है.

एक अनुमान के मुताबिक 4 रोटी बनाने में औसतन 100 ग्राम आटा लगता है. आज से 10 साल पहले एक किलो आटा 22.48 रुपये का आता था. इस हिसाब से 4 रोटी बनाने में 2.24 रुपये का आटा लगता था. वहीं, आज एक किलो आटा 32.91 रुपये का आ रहा है. लिहाजा 4 रोटी बनाने में 3.29 रुपये का खर्च आ रहा है.

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