नासीर बेलीम, उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं। ऐसे में भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने अब दान राशि के लिए बारकोड सिस्टम शुरू किया है। सिस्टम को लेकर पूरे मंदिर परिसर में दान पेटी पर बारकोड लगाया गया है, जिससे श्रद्धालु मंदिर समिति को ऑनलाइन दान भी कर सकते हैं। हालांकि ऑनलाइन से पुजारियों में 35% मिलने वाले कमीशन की चिंता बढ़ने लगी है।

महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालु और दानदाताओं की सुविधा को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने ऑनलाइन बारकोड की व्यवस्था की है। पूरे मंदिर परिसर की शान पेटियों पर बारकोड लगाए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं ऑनलाइन भी दान कर सकते हैं। कई श्रद्धालु पूर्व में प्रतिनिधियों के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर दान किया जाता है। इसी राशि की पारदर्शिता को रखने के लिए मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया है।

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दानदाताओं की मांग पर दी गई यह सुविधा
मंदिर के सहायक प्रशासक ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकाल मंदिर विस्तारीकरण का कार्य तेज गति से चल रहा है। ऐसे में कई दान दाता मंदिर के विस्तारीकरण को लेकर दान करना चाहते हैं। लेकिन ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के चलते हुए मंदिर में दान नहीं कर पाते थे। दानदाताओं की मांग को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने दान पेटी पर बारकोड लगा दिए हैं। ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में दान करने में असुविधा ना हो अब श्रद्धालु बारकोड स्कैन कर अपनी इच्छा अनुसार मंदिर में दान कर सकेंगे।

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35% दान राशि मिलने को लेकर पुजारी चिंतित 

पूरे मंदिर में दान बेटियों पर दान करने के लिए बारकोड लगाने से पुजारी परिवार भी चिंतित दिखाई देने लगे हैं। पुजारियों ने कहा कि दान बेटियों से 35% दान की राशि दी जाती है। अब मंदिर प्रशासन ने पुजारियों से बिना चर्चा करें यह निर्णय लिया है। जिसके कारण का 35% दान राशि ऑनलाइन मिलने पर संशय बना हुआ है।

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