रायपुर। प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही केंद्र और राज्य के बीच पांच साल तक चल रहा टकराव खत्म होना शुरू हो गया है. इसकी एक मिसाल केंद्र सरकार का विष्णुदेव साय सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए FCI को केंद्रीय पूल के लिए छत्तीसगढ़ का उसना चावल खरीदने की अनुमति देना है.

गौरतलब है कि देश भर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में गरीबों को राशन देने के लिए केंद्र सरकार, Food Corporation of India (FCI) के माध्यम से केंद्रीय पूल के लिए गेहूं और धान की खरीद करती है.मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए केन्द्रीय खाद्य मंत्री के निर्देश पर भारत सरकार के खाद्य विभाग मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ से 15 लाख मीट्रिक टन उसना चावल लेने की स्वीकृति तत्काल मिल गई.

एक ही दिन में मिली अनुमति

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि सीएम साय ने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीद की स्थिति एवं Custom Milling की ओर केन्द्रीय खाद्य मंत्री गोयल का ध्यान आकर्षित करते हुए 21 दिसंबर को ही पत्र लिखा था. इसमें सीएम ने सेन्ट्रल पूल में चावल लेने का कोटा 61 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 74 लाख मीट्रिक टन करने के साथ ही राज्य से 59 लाख मीट्रिक टन अरवा तथा 15 लाख मीट्रिक टन उसना चावल लिए जाने का अनुरोध अपने पत्र में किया है.

मुख्यमंत्री ने जताया आभार

मुख्यमंत्री साय ने भारत सरकार से उसना चावल लेने की अनुमति मिलने पर कहा कि डबल इंजन की सरकार होने की वजह से छत्तीसगढ़ के किसानों को यह फायदा मिला है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल का इसके लिए राज्य के किसानों की ओर से आभार जताया है.

किसानों को होगा फायदा

बता दें कि प्रदेश में कुछ किस्म के धान के मिलिंग में ज्यादा ब्रोकन आने के कारण निर्धारित गुणवत्ता का अरवा चावल नहीं बनने से अरवा मिलिंग में कठिनाइयां आती है. ऐसे धान की उसना मिलिंग कराने से कस्टम मिलिंग में गति आएगी. इससे एक ओर सोसायटी से धान का उठाव तेजी से होगा, जिससे किसानों को धान बेचने के लिए दिनों-दिन इंतजार नहीं करना पड़ेगा.