रायपुर. होली (Holi 2023) को लेकर इस बार संशय की स्थिति बन गई है. लोगों में कंफ्यूजन है कि होली 7 को मनाई जाएगी या 8 को. होलिका दहन 6 को होगा या 7 को. इस पर श्री शंकराचार्य आश्रम रायपुर के प्रमुख डॉ. इंदुभवानंद ने कहा है क इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा15 मंगलवार (7 मार्च) को 28 घटी 41 पल सायंकाल 5:39 पर खत्म हो रही है. इसी दिन सूर्यास्त 5:55 पर हो रहा है. मंगलवार को पूर्णिमा सूर्यास्त काल में नहीं है. पूर्व दिन सोमवार को चतुर्दशी तिथि 24 घटी 23 पल दिन में 3:56 पर खत्म होकर पूर्णिमा तिथि लग रही है. इसी दिन, रात के बाद भद्रा है.

फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को प्रदोष काल में पूर्णिमा के न मिलने के कारण पूर्व दिन सोमवार दिनांक 6/ 3 /2023 को रात भद्रापुच्छ में 12:23 से रात 1:35 के बीच, यानी तीन घटी 72 मिनट में होलिका का दहन करना चाहिए.

शास्त्रों के अनुसार- “भद्रामुखं वर्जयित्वा”. यानी भद्रा का मुख छोड़कर पुच्छ में “तिस्र:पुच्छे तु नाडिका” वचनानुसार रात्रि 12:23 से 1:35 तक भद्रा पुच्छ में “पुच्छे ध्रुवो जय:” होलिका दहन होना चाहिए. क्योंकि प्रतिपदा तिथि को, भद्रा में और दिन में होलिका दहन का विधान नहीं है. पूर्णिमा की रात में प्रदोष काल में ही होलिका दहन का विधान प्राप्त होता है. लेकिन इस साल विषम स्थिति आ जाने के कारण भद्रा पुच्छ में भी होलिका दहन किया जा सकता है. अतः शास्त्रीय वचन का पालन करते हुए भद्रा पुच्छ में ही होलिका दहन करना चाहिए.

“प्रदोष व्यापिनी ग्राह्या पौर्णिमा फाल्गुनी सदा।
तस्यां भद्रामुखं त्यक्तवा पूज्या होला निशामुखे।।”
प्रतिपद्भूत भद्रासु याऽर्चिता होलिका दिशा।
संवत्सरं च तद् राष्ट्रं पुरं दहति साद्भुतम्।।”

आदि प्रमाणों के अनुसार 6/3/ 2023 सोमवार रात 12: 23 से 1:35 के बीच होलिका दहन करना चाहिए.
दूसरे दिन 7/3 /2023 को मंगलवार को पूर्णिमा है. अतः पूर्णिमा के दिन होलिका नहीं खिलाना चाहिए. शुद्ध प्रतिपदा तिथि में ही होलिकोत्सव या बसंतोत्सव मनाना चाहिए.

अतः 6 तारीख की रात में होलिका दहन होगा और 8 तारीख को होली खेली और मनाई जाएगी.