संजीव शर्मा, कोंडागांव। मुख्यमंत्री की घोषणा के कार्यों में भारी अनियमितता बरती जा रही है. यही वजह है कि जिस नाली में पानी बहना था, वह पानी की हल्की बौछार में ही बह गई. नाली के बहने से 6 करोड़ के निर्माण की भी पोल खुल गई है. आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी माँ दंतेश्वरी कंट्रक्शन को 612 लाख रुपए की लागत से दिए गए नए बस स्टैण्ड निर्माण का कार्य की जांच की मांग कर रहे हैं.

हल्की बारिश में ही नाली के बह जाने से सवाल उठने लगे हैं. नगर पालिका कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा यादव और भाजपा अध्यक्ष जसकेतु उसेंडी ने कहा कि अगर लापरवाही हुई है, तो जाँच हो. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ ठेकादार हो ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए. जनता के पैसे की बंदरबाट मंजूर नहीं है.

वहीं विभागीय अधिकारी भी पूरे मामले की जांच की बात कह रहे हैं. हाल ही में पदस्थ सब इंजीनियर ने बताया कि कार्य अभी नहीं हुआ है, लेकिन पूर्व में पदस्थ रहे इंजीनियर ने मेजरमेंट बुक पर उन कार्यों को भी चढ़ा दिया है, जो धरात पर नहीं हुए हैं. कायदे से ग्लोबल टेंडर निकालना था. इसमें ठेकेदार को भी एक इंजीनियर रखना होता है, जिसकी देखरेख में काम होता है, लेकिन वो भी नहीं रखा गया है.

अधिकारी ही बता रहे हैं कि पैसा बचाने के लालच में हल्के स्तर पर ही नाली का निर्माण किया जा रहा है. अभी नाली निर्माण पूरा हुआ नहीं है, लेकिन नाली धराशाई हो चुका है. अब जब कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका तो मुख्य नगरपालिका अधिकारी से लेकर इंजीनियर पक्ष, विपक्ष ठेकेदार के कार्य पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है अधिकारियों की देखरेख में निर्माण कार्य चल रहा था, जवाबदारी तो उन अधिकारियों की भी बनती है

पुराने बस स्टैंड में वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नए बस स्टैंड की घोषणा की थी इसकी लागत 6 करोड़ 12 लाख रुपए है, मगर जिस ठेकेदार से टेंडर के माध्यम से इस कार्य को करवाया जा रहा है, उनके कार्य पर विभाग ही सवाल उठाने लगा है. सवाल उठने भी लाजमी है, जब मुख्यमंत्री की घोषणा के कार्यों में इस तरह लापरवाही की जा रही है, तो अन्य कमरे में किस तरह लापरवाही की जा रही होगी यह समझा जा सकता है.