नई दिल्ली। पिछले ढाई महीनों में पेट्रोल के दाम में करीब 7 रुपए और डीजल के दाम में करीब 5 रुपए का इजाफा हुआ है. पेट्रोल और डीजल के दाम लोगों की जेब काटने का काम कर रहे हैं. देश के अधिकतर राज्यों में पेट्रोल की कीमत 70 रुपए के पार, कहीं-कहीं तो 75 रुपए के पार या 80 रुपए प्रति लीटर के करीब है, तो वहीं डीजल की कीमतें भी 60 रुपए प्रति लीटर के आसपास है.
आम लोगों के साथ-साथ विपक्षियों ने भी इस मामले पर मोदी सरकार पर निशााना साधना शुरू कर दिया है. दरअसल मोदी सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमत आधी रह गई है. इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम पिछले 3 साल में अपने उच्चतम स्तर पर है. इस साल 16 जून से देशभर में डेली डाइनैमिक प्राइसिंग सरकार ने लागू की है. जिसके बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में रोज बदलाव होता है. आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.38 रुपएऔर डीजल 58.72 रुपएप्रति लीटर पर पहुंच गए.
कौन कर रहा है कमाई?
आखिर सवाल ये है कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत इतनी कम है, फिर भारत में कीमतें बढ़ती क्यों जा रही हैं. इसका फायदा हो किसे रहा है.
अगर केंद्रीय करों की बात करें, तो केंद्र में बीजेपी सरकार के आने के बाद से डीजल पर लागू एक्साइज ड्यूटी में 380% और पेट्रोल पर 120% की बढ़ोतरी हुई है. केंद्र सरकार की कमाई भी तीन गुणा से ज्यादा बढ़ गई है.
गौरतलब है कि 26 मई 2014 को जब मोदी सरकार ने शपथ ग्रहण किया था, तब कच्चे तेल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 6330.65 रु/बैरल थी. जबकि फिलहाल ये आधी यानि कि 3368.39 रु/बैरल पर आ गई है. मई 2014 में प्रति डॉलर रुपए की कीमत 58.59 थी, जो अभी 63.89 है.
राज्यों ने किया करों का विस्तार
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस साल मार्च में लोकसभा में जानकारी दी थी कि अप्रैल 2014 में 10 राज्यों ने डीजल पर 20% से ज्यादा वैट लगा रखे थे, लेकिन अगस्त 2017 में ऐसे राज्यों की तादाद बढ़कर 15 हो गई. वहीं अप्रैल 2014 में डीजल पर सबसे ज्यादा 25% वैट छत्तीसगढ़ ने लगा रखा था, जबकि अगस्त 2017 में ये आंकड़ा 31.06 फीसदी तक पहुंच गया, जो आंध्र प्रदेश का है.
अप्रैल 2014 में 17 राज्यों ने पेट्रोल पर 25 प्रतिशत वैट लगा रखे थे और अगस्त 2017 में ऐसे राज्यों की संख्या बढ़कर 26 पर पहुंच गई. अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 33.06 प्रतिशत वैट पंजाब ने लगा रखा था. लेकिन अगस्त 2017 में 48.98 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र पहले नंबर पर है.
किसकी कितनी कमाई?
- मोदी सरकार के कार्यकाल में अनब्रैंडेड पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 11 बार बदलाव
- 1 अप्रैल 2014 को डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी, जो 380% की बढ़ोतरी के साथ 17.33 रुपए पर पहुंची
- 1 अप्रैल 2014 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी, जो 120% की बढ़ोतरी के साथ 21.48 रुपए पर पहुंची
- साल 2013-14 में केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 77982 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी, जो 2016-17 में बढ़कर 242691 रुपए हो गई
- इस दौरान वैट एवं सेल्स टैक्स से राज्यों की कमाई 129045 करोड़ रुपए से बढ़कर 166378 करोड़ रुपए हो गई