चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग. किसानों को धान खरीदी केन्द्रों में बारदानों की कमी की वजह से काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. किसान धान खरीदी केन्द्रों के चक्कर लग रहे है उसके बाद भी बारदाने सही समय में नहीं मिल पा रहे हैं. बारदाने की कमी को देखते हुए किसान संगठन भी किसानों की तकलीफों के साथ जिला प्रशासन से लेकर सड़क की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है.

किसान हो रहे परेशान, कोई नहीं ले रहा सुध

प्रदेश में 1 नवम्बर से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. जिले में धान खरीदी को लेकर सभी धान खरीदी केन्द्रों पर पूरी तैयारी किए जाने का दावा जिला प्रशासन ने हर वर्षो की तरह इस वर्ष भी किया था.  किसानों ने अपने मेहनत की फसल धान की बिक्री केन्द्रों में कर रहे हैं, लेकिन किसानों के सामने कोई न कोई समस्याएं आ ही जाती है. किसानों को बारदाने की कमी के चलते काफी तकलीफ का सामना भी करना पड़ा, इसके बावजूद किसानों ने खरीदी केन्द्रों में धान लाया. जैसे-जैसे किसानों की तरफ से धान लाया जाने लगा खरीदी केन्द्रों में बारदानों की समस्या होने लगी. शुरुआत दौर में ही यह समस्या आने लगी है, किसानों ने धान के उठाव में हो रही समस्या से जिला प्रशासन को समय समय पर अवगत भी कराया, पर बेबस किसानों की सुध किसी ने नहीं ली. किसानों को थक हारकर अपनी बात सरकारी नुमाइंदों को सुनाने के लिए अब आंदोलन तक करना की तैयारी में है.

खोल सकते हैं जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा

शासन ने धन खरीदी का अंतिम तारीख 31 जनवरी तय किया है पर उससे पहले बारदाने की कमी की वजह से जिले के कई किसानों को मायूस होना पड़ रहा है. मायूस किसानों ने किसान नेता से अपनी समस्याओं को सुनाई है. वहीं अब किसान नेता राजकुमार गुप्ता ने किसानों को जल्द निराकरण नहीं किया गया तो आने वालो समय में जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही है.

9 से 10 लाख बारदाने की जरूरत

जिले में 3.50 लाख धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए 9 से 10 लाख बारदाने की जरूरत है, लेकिन जिले में अब तक सिर्फ 1 से 1.50 बारदाने ही उपलब्ध धान खरीदी केन्द्रों तक जिला प्रशासन ने पहुंचाया है. वर्तमान में सामान्य गति से धान खरीदी हो रही है लेकिन आने वाले समय में किसान तेज से धान की ब्रिकी करने पहुंचेगे तो बारदाने की कमी से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

अधिकारी पर्याप्त मात्रा में बारदाना होने का दे रहे हवाला

खाद्य अधिकारी सी.पी.दीपांकर की माने तो जिले में बारदाने की कोई कमी नहीं है जिले में बारदाने की पर्याप्त मात्रा में धान खरीदी केन्द्रों में बारदाने पहुँचाया जा चुका है. जिले को 8 लाख 80 हजार बारदाने की जरूरत है, लेकिन जिला प्रशासन पूर्व में आए बारदाने भी केन्द्रों तक भेज रहे है जिले के आलावा बेमेतरा और कवर्धा को भी बारदाने भेज रहे है है. किसानों को केन्द्रों में बारदाने की कमी से इंकार किया है, लेकिन उसके बाद भी कई धान खरीदी केन्द्रों पर बारदानों की कमी नजर नहीं आ रही है.

कब लेंगे आला अधिकारी किसानों की सुध

जिन किसानों के बदौलत छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है उन्हें सिर्फ कटोरे के भरोसे रखना कितना सही यह प्रशासन के आला अधिकारी सहित राज्य के मुखिया को सोचना होगा. धान के खरीदी की तारीख को बारदाने की कमी के कारण प्रभावित किसानों को देखते हुए समय सीमा आगे बढ़ाया जाएगा या फिर कर्ज तले दबा अन्न दाता किसान फिर किसी साहूकार के आगे अपने धरती माँ को गिरवी रखने पर मजबूर होगा.