दुर्ग.  होम आइसोलेशन का दुर्ग माडल बेहद कारगर साबित हुआ है. मरीजों की अंडरटेकिंग लेने के बाद और डॉक्टरों की अनुमति के पश्चात कम लक्षणों वाले जिन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई थी, उनमें से अधिकांश मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है.

 अभी तक 7329 मरीजों को होम आइसोलेशन की स्वीकृति दी गई. इसमें अब तक 6216 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं. अभी 829 एक्टिव पेशेंट होम आइसोलेशन में हैं. मरीजों के स्वस्थ होते जाने से रिकवरी रेट तेजी से बढ़ रहा है और अभी 84 प्रतिशत तक पहुंच गया है. एक्टिव मरीजों की समयावधि पूरी होने पर रिकवरी रेट भी बढ़ती जाएगी. होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर के माध्यम से मरीजों को दवा की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाती हैं और इनके स्वास्थ्य पर नजर भी रखी जाती है. होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर में प्रशासकीय व्यवस्था डिप्टी कलेक्टर सुश्री दिव्या वैष्णव देखती हैं. मरीजों के स्वास्थ्य की मानिटरिंग सीएमएचओ डॉ गंभीर सिंह ठाकुर नियमित रूप से करते हैं. मरीजों की स्थिति पर डाक्टरों की टीम लगातार नजर रखती है. स्वास्थ्य में किसी तरह की दिक्कत होने पर मेडिकल कंसलटेंट डॉ. रश्मि भुरे की मानिटरिंग में मेडिकल टीम रिफर किये जाने अथवा ट्रीटमेंट में बदलाव किये जाने का निर्णय लेती हैं. रिफर किये जाने का निर्णय लिये जाने पर अतिशीघ्र मरीज को कोविड हॉस्पिटल पहुंचाया जाता है.

जामुल की बिटावन बाई जो सलाह से अस्पताल जाने तैयार हुईं

जामुल की बिटावन बाई पाजिटिव आईं और शुरू में उनके लक्षण एकदम सामान्य होने पर उनके होम आइसोलेशन को स्वीकृति दी गई. अचानक आक्सीजन लेवल के डाउन होने पर परिजनों को चिंता हुई. बिटावन बाई अस्पताल जाने को तैयार नहीं थीं लेकिन कंट्रोल रूम के स्टाफ के नियमित काल किये जाने की वजह से उनके अच्छे संबंध बन गए थे. उन्होंने बिटावन बाई को समझाया कि देखो आप जल्दी आ जाओगे, हमारे सहयोगी सब अस्पताल में भी हैं आपका पूरा ध्यान रखेंगे. यह सारी बातें छत्तीसगढ़ी में की गईं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में तो पइसा लगहि. कंट्रोल रूम ने बताया कि सरकार फोकट म इलाज कराहि अउ बढ़िया स्वस्थ करके घर भेजहि. वे अस्पताल जाने तैयार हो गईं. अब वे वहां से डिस्चार्ज हो गई हैं.

हुडको की मयूरी

होम आइसोलेशन के दौरान पेशेंट कभी-कभी मानसिक रूप से भी परेशान हो जाते हैं. टीम द्वारा लोगों को भावनात्मक संबल भी दिया जाता रहा. हुडको की मयूरी ने शिकायत की, उनके सीने में जलन एवं दर्द हो रहा है. पल्स आक्सीमीटर का रिजल्ट देखा गया लेकिन वो सामान्य बता रहा था. मेडिकल टीम ने चर्चा की. टीम ने अपने आब्जर्वेशन में एसीडिटी की समस्या पाई. इसका जल्द ही निदान हो गया. पेशेंट ने बताया कि इसके बाद घर में भी रहने पर कभी यह महसूस नहीं किया कि किसी तरह की समस्या हो सकती है.

हनोदा की किलेश्वरी उमरे की चिंता भी दूर

हनोदा की किलेश्वरी उमरे पाजिटिव थी. उनकी छोटी सी बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आई थी. मेडिकल टीम ने किलेश्वरी को इस संबंध में पूरी सलाह दी और उनकी चिंताओं को दूर किया. उनकी होम आइसोलेशन अवधि समाप्त हो चुकी है और उन्हें रिकवरी सर्टिफिकेट दिया जा चुका है.