लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी को इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के क्षेत्र में लीडर बनाने के लिए काम शुरू कर दिया गया है. सरकार का उद्देश्य सिर्फ ईवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना ही नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल कर रहे नागरिकों को सभी जरूरी स्थानों पर समुचित चार्जिंग की सुविधा भी देना है.

इसकी जिम्मेदारी नगर विकास विभाग को दी गई है. उसने ई-चार्जिंग सुविधाओं के लिए सेवा प्रदाताओं को जरूरत के आधार पर जमीन देनी की प्रक्रिया भी तय कर दी है. पहले चरण में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान (सीईएमपी) को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 17 नगर निगम वाले शहरों में लागू किया जाएगा. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के फास्ट ट्रैक डवलपमेंट के लिए कार्यकारी समूह का भी गठन कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें – सुविधा : वायरलेस चार्जिंग से लंबी दूरी तय कर सकेंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां

चार्जिंग के लिए सरकारी संस्थाओं को जमीन 10 वर्ष के पट्टे या लीज पर दी जाएगी. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए विद्युत मंत्रालय के मानकों के अनुसार निर्धारित रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर किया जाएगा. पट्टा अवधि, रेवेन्यू शेयरिंग रेट व अन्य निर्धारित मानकों को समय-समय पर संशोधित किया जाएगा. संस्थाओं का चयन टेंडर प्रक्रिया के तहत किया जाएगा.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक