नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को पीएमएलए मामले की जांच में 14 जुलाई को शामिल होने के लिए समन भेजा है. मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जमानत अर्जी कोर्ट से खारिज होने के बाद सत्येंद्र जैन फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. ED ने 1 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री के दो सहयोगियों वैभव जैन और अंकुश जैन को गिरफ्तार किया था.

पूनम जैन से होगी पूछताछ

ED ने दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) के साथ पठित 13 (1) (ई) के तहत 2017 में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच शुरू की थी. फिलहाल सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

सत्येंद्र जैन पर मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप

सीबीआई ने मंत्री सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ 3 दिसंबर 2018 को आरोप पत्र दायर किया था. यह आरोप लगाया गया था कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 और 31 मई 2017 के बीच दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करते हुए संपत्ति अर्जित की थी, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी. सीबीआई ने सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और अन्य आरोपी व्यक्तियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध का आरोप लगाया था.

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30 मई को हुई थी सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी

इस साल 31 मार्च को ईडी ने सत्येंद्र जैन के स्वामित्व वाली या नियंत्रित कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था. ईडी ने 30 मई को सत्येंद्र जैन को पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया था.

सत्येंद्र जैन को कैबिनेट से हटाए जाने की मांग वाली याचिका खारिज

अभी हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को धनशोधन मामले (money laundering case) में 31 मई से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की हिरासत में होने के कारण निलंबित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता डॉ नंद किशोर गर्ग की ओर से दायर याचिका को मौखिक रूप से यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अदालत कानून, नियमों और अधिसूचनाओं से आगे नहीं बढ़ सकती है.

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याचिका में लिखी थी ये बात

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया है कि हिरासत में सत्येंद्र जैन अभी भी एक कैबिनेट मंत्री के भत्तों और विशेषाधिकारों का आनंद ले रहे हैं. जबकि उन पर धनशोधन मामले में गंभीर आरोप हैं, जिसके लिए कड़ी सजा दी जा सकती है.

मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे हुए हैं सत्येंद्र जैन

बता दें कि 27 जून को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी. अब 11 जुलाई को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. सीबीआई ने सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध करने का आरोप लगाया है. 31 मार्च को ED ने अस्थायी रूप से मंत्री के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कुर्क किया. 6 जून को ईडी ने सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और उनके सहयोगियों से संबंधित कई स्थानों पर छापे मारे, जिन्होंने या तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनकी सहायता की थी या मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रियाओं में भाग लिया था. छापेमारी के दौरान 2.85 करोड़ रुपए की नकदी और 1.80 किलो वजन के 133 सोने के सिक्के बरामद किए गए थे.

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