चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को दूसरा समन भेज सकती है, क्योंकि उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण पहले समन को दरकिनार कर दिया था. हनी को इससे पहले ईडी ने 23 जनवरी को पंजाब में अवैध बालू खनन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था. ईडी ने 18 जनवरी को होमलैंड हाइट्स सहित दस अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की थी, जो हनी का आवास है. ईडी ने दो दिनों तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए.

कैप्टन ‘चला हुआ पटाखा’, किसानों और पंजाब के लोगों की पीठ पर घोंपा छुरा: CM चन्नी

 

जानकारी के मुताबिक, हनी ने ईडी के अधिकारियों को बताया कि वह कोविड पॉजिटिव हैं और जांच में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. सोमवार को ईडी के अधिकारियों ने हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का बयान दर्ज किया था. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने छापेमारी के दौरान अवैध रेत खनन, संपत्ति के लेन-देन, सेल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक का सोना और 12 लाख रुपये की घड़ी और 10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. एक सूत्र ने कहा कि उनके द्वारा बरामद दस्तावेजों से पुष्टि हुई है कि कुदरत दीप सिंह दो फर्म चला रहे हैं और भूपेंद्र सिंह हनी उनमें संयुक्त निदेशक हैं.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खनन माफिया से लड़ने में सिद्धू के दावों की उड़ाई खिल्ली

 

सूत्रों के अनुसार, फर्म मूल रूप से शेल कंपनियां हैं, लेकिन ईडी ने बहुत सारे पैसे के लेनदेन का पता लगाया है. फर्मों में से एक प्रदाता ओवरसीज कंसल्टेंसी लिमिटेड है, इसे 2018 में 33.33 प्रतिशत समान शेयरों के साथ शामिल किया गया था. ईडी अब आने वाले दिनों में भूपिंदर सिंह हनी को दूसरा नोटिस भेजेगी. इस बीच वह मामले में अन्य आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है. ईडी का मामला पंजाब पुलिस की दो साल पुरानी प्राथमिकी के आधार पर है, जिस पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के रिश्तेदार भूपिंदर सिंह हनी सहित दस अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की थी.

PM मोदी की सुरक्षा में सेंध लगने की जांच का सामना कर रहे पंजाब DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय फिर विवादों में घिरे, भगोड़े सरबजीत सिंह के साथ बातचीत का ऑडियो लीक

 

पंजाब पुलिस ने 7 मार्च 2018 को दस से अधिक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पंजाब पुलिस की प्राथमिकी में भूपिंदर सिंह हनी का नाम नहीं था और मामले में कुदरत दीप सिंह को क्लीन चिट दे दी गई थी. ईडी ने पाया कि मामले में शामिल आरोपियों द्वारा पैसे की हेराफेरी की जा रही थी और उसने मामले की जांच शुरू कर दी.