सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर शुक्रवार को कोई फैसला सुना सकता है. लेकिन उससे पहले ED ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर केजरीवाल की अंतरिम जमानत का पुरजोर विरोध किया . ED ने अपने हलफनामे में कहा है किसी को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम बेल नहीं दी जा सकती है. चुनाव प्रचार करना कानूनी अधिकार नहीं है. चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने पर गलत परंपरा शुरू होगी.   

ED की उप निदेशक भानु प्रिया ने हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने पर बेईमान राजनेताओं चुनाव की आड़ में बचने का मौका मिलेगा. ED की तरफ से कहा गया है कि चुनाव प्रचार करने का अधिकार मौलिक, संवैधानिक या कानूनी नहीं है. राजनेता किसी आम नागरिक की तरह ही किसी खास सुविधा की मांग नहीं कर सकते हैं. राजनेताओं को भी आम नागरिक की तरह अपराध करने पर उन्हीं की तरह गिरफ्तार और हिरासत में लिया जा सकता है.

अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत के खिलाफ ED  ने तर्क देते हुए कहा है कि जांच एजेंसी की जानकारी में शायद अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है कि चुनाव प्रचार के लिए किसी नेता को अंतरिम जमानत दी गई हो. ED ने कहा चुनाव तो पूरे साल होते हैं अगर केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो फिर किसी भी राजनेता को हिरासत या उन्हें गिरफ्तार नहीं रखा जा सकेगा. ED ने कहा हिरासत में रहकर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को भी प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत नहीं मिलती है. ईडी ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक नये हलफनामे में कहा कि अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई.

अऱविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में ED ने गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. इसपर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने पर विचार करेगी. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत शुक्रवार को अपना फैसला सुना सकती है.