रायपुर। शिक्षाकर्मियों की 20 नवंबर से चल रही हड़ताल रातोंरात खत्म हो गई है. ऐसे में राजनीतिक हलकों के साथ-साथ लोगों की भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. एक तरफ जहां शिक्षाकर्मी संविलियन की मांग पर अड़े हुए थे. उनका कहना था कि वे तब तक हड़ताल वापस नहीं लेंगे, जब तक कि सरकार संविलियन की मांग नहीं मान लेती. अब लोगों के जेहन में भी ये सवाल कौंध रहा है कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि रातोंरात शिक्षाकर्मी नेताओं ने हड़ताल वापसी का ऐलान कर दिया, वो भी बिना किसी शर्त के.

अगर पालकों की बात करें, तो आंदोलन वापसी से सबसे ज्यादा खुश वे अभिभावक हैं, जिनके बच्चों की पढ़ाई हड़ताल ने चौपट कर दी थी. लल्लूराम डॉट कॉम ने कई पालकों से बात भी की, उनका कहना है कि शिक्षाकर्मियों की हड़ताल खत्म होने से अब उनके बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सकेगी. हालांकि उन्हें इस बात की भी चिंता है कि आखिरकार इतने दिनों तक जो पढ़ाई ठप रही है, उसे बच्चे कैसे कवर करेंगे.

राजनीतिक हलकों की अगर बात करें, तो शिक्षाकर्मियों की हड़ताल को कांग्रेस, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी, भाकपा, आम आदमी पार्टी समेत सभी पार्टियों का समर्थन मिला हुआ था. कांग्रेस ने तो शिक्षाकर्मियों के समर्थन में आज महाबंद का भी ऐलान किया था.

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इसे कांग्रेस की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार डर गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दबाव के कारण सरकार बैकफुट पर आ गई है.

वहीं आम लोगों को शिक्षाकर्मियों की हड़ताल से ज्यादा मतलब नहीं था, लेकिन चूंकि हड़ताल रातोंरात खत्म हो गई है, तो उनमें भी इस बात को लेकर जिज्ञासा देखने को मिल रही है कि आखिरकार रातोंरात ऐसा क्या हुआ कि शिक्षाकर्मियों ने बिना शर्त हड़ताल वापस ले ली.

वैसे अभी तो प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हुआ है. अभी दिनभर में कई नेताओं-अधिकारियों और आम लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आएंगी. वहीं कई शिक्षाकर्मी भी हड़ताल वापसी के ऐलान पर चकित हैं.