अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासी अंचलों के आदिवासियों में इसका असर दिखने लगा है। दरअसल, सीएम हेल्पलाइन के शिकायत का निपटारा करने गए एसडीओ, इंजीनियर और सचिव को आदिवासी महिला ने जमकर फटकार लगाई। मूलभूत सुविधा को लेकर महिला ने खरी खोटी सुनाई, यह देख मौके से अधिकारी-कर्मचारी भाग खड़े हुए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर लोग ‘आदिवासी झांसी की रानी’ जैसा कमेंट्स कर रहे है।

दरअसल, जिले के सोहागपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत बेम्हौरी में शिकायत के बाद मौके पर जांच के लिए पहुंचे जनपद के एसडीओ अशोक मरावी, इंजीनियर छत्रपाल सहित वार्ड के सचिव तुलसीदास सिंह, पंच पन्नेलाल बैगा, सरपंच सरोज बैगा को ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं सुनाई।

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ग्रामीणों ने अधिकारियों को सड़क, पेयजल, बिजली और मनरेगा भुगतान समेत आदि समस्या बताई और कहा कि यह समस्या काफी पुरानी है। कई बार शिकायत कर चुके हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शिकायत करने पर पंचायत सचिव समस्या के समाधन पर जोर न देकर शिकायत को काटने पर जोर देता है।

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इस दौरान अधिकारियों का पाला एक आदिवासी महिला से पड़ गया। आदिवासी महिला प्रेमवती कोल ने ग्राम मुडरूघाटा में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रहने पर जमकर खरी खोटी सुनाई। अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए न केवल फटकार लगाई बल्कि अधिकारियों से सवाल जवाब कर उनकी बोलती बंद कर दी। आलम ये रहा कि अधिकारियों को उल्टे पॉंव वापस लौटना पड़ा।

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