रायपुर. राजधानी रायपुर में एकता हॉस्पिटल बच्चों इलाज के लिए काफी नामी माना जाता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से अस्पताल प्रबंधन की एक मनमानी से मरीज के माता-पिता काफी परेशान है.

 परेशान इसलिए क्योंकि अस्पताल प्रबंधन परिजनों को नियमों के विपरित दवा अस्पताल की ही मेडिकल स्टोर से खरीदने के लिए बाध्य कर दिया है. यही कारण है कि अस्पताल के डॉक्टर बच्चों की दवा लाने के लिए उन्हें पर्ची नहीं देते, वे सीधे परिजनों को मेडिकल स्टोर जाकर दवा लाने कह देते है. इससे परिजन तो परेशान है लेकिन अस्पताल में हो रहे नियमों के विपरित इस काम पर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का भी ध्यान नहीं है.

 

दरअसल नियमों के मुताबिक कोई भी निजी अस्पताल अपनी अस्पताल की मेडिकल स्टोर से मरीजों को दवा खरीने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है, लेकिन एकता हॉस्पिटल में पिछले कुछ दिनों से ये खेल चल रहा है.

सूत्र बताते है कि अस्पताल में वर्षों से एक मेडिकल स्टोर संचालित था, उसे हटाकर प्रबंधन ने दूसरे व्यक्ति को इसके संचालन की जिम्मेदारी दे दी. इसी बीच अस्पताल के बाहर स्थित कुछ मेडिकल स्टोर्स वाले मरीजों को फायदा पहुंचने डिस्काउंट देना शुरू कर दिया और अस्पताल में डिस्काउंट के पर्चे भी बांटे.

इससे हुआ ये कि अस्पताल में भर्ती तमाम मरीज के परिजन अस्पताल की मेडिकल स्टोर से दवा न लाकर बाहर की मेडिकल स्टोर से डिस्काउंट में दवा लाने लगे, जिससे अस्पताल में खुले नए मेडिकल स्टोर के संचालक को नुकसान होने लगा. यही कारण है कि अस्पताल नए अपने अस्पताल की मेडिकल स्टोर के संचालक को नुकसान न हो इसलिए नया फार्मूला निकाला और दवा की पर्ची मरीज के हाथ में न देकर सीधे मेडिकल स्टोर भेजनी शुरू कर दी, इसका फायदा मेडिकल स्टोर और अस्पताल को होना शुरू हो गया और मरीजों को डिस्काउंट का नुकसान.

लेकिन ये नियमों के विपरित है और नियम तो ये कहता है कि कोई भी अस्पताल मरीजों को अपनी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. हालांकि ये खेल राजधानी रायपुर के एकता हॉस्पिटल में ही नहीं लालपुर स्थित दो बड़े अस्पतालों में भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सेटिंग के साथ खेला जा रहा है, जिस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है.