दिल्ली। हाथी वैसे बेहद शांत और संवेदनशील जानवर होता है। हम इंसानों ने उनकी जिंदगी में इतना दखल दिया है कि हाथी बगावत पर उतारू हो गये हैं। अब देश की सर्वोच्च अदालत ने हाथियों के जीवन से छेड़छाड़ न करने की नसीहत इंसानों को दी है।
दरअसल तमिलनाडु की नीलगिरी पहाड़ियों पर इको-सेंस्टिव जोन है। कुछ बिजनेस मैनों ने अपने फायदे के लिए इस जोन में 27 व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना लिए। जिससे यहां रहने वाले हाथियों समेत अन्य जंगली जानवरों और पूरे ईको सिस्टम को खतरा पैदा हो गया। जिसके बाद सरकार ने इनको बंद करने का आदेश दिया था।
इस आदेश के खिलाफ होटल मालिक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। जहां सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने होटल-रिसॉर्ट मालिकों की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान बेंच ने कहा, हम संवेदनशील इको सिस्टम के मामले में सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा, हम हाथियों के रास्ते में कोई रोकटोक नहीं चाहते। इंसानों को उन्हें रास्ता देना होगा। हाथी बेहद सज्जन जानवर होता है। उसे इंसान के कहर से बचाया नहीं गया तो हाथी लुप्त हो जाएंगे।