हेमंत शर्मा, इंदौर. महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित ओशो आश्रम की तीन एकड़ जमीन को ट्रस्ट द्वारा बेचने की तैयारी की जा रही है. करोड़ों की जमीन बिक्री की जानकारी मिलते ही रजनीश के बहन ने इस पर आपत्ति जताई है. जमीन बिक्री रोकने के लिए इंदौर में रहने वाले आचार्य रजनीश ‘ओशो की बहन मां प्रेम नीरू और बहनोई स्वामी अमित चैतन्य ने दुनियाभर में फैले ओशो अनुयायियों को पत्र लिखा है. पत्र में उनके सभी अनुयायियों से इस आध्यात्मिक महत्व के केंद्र को बचाने की अपील की है. पत्र की एक प्रति उन्होंने ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन को भी भेजा है.

महाराष्ट्र सरकार को भी ट्रस्ट की गतिविधियों से कराया अवगत

स्वामी अमित चैतन्य और मां प्रेम नीरू ने बताया कि ओशो के संबोधि दिवस से बेहतर इस खत को लिखने का समय नहीं हो सकता था. महाराष्ट्र सरकार को भी हमने आपत्ति पहुंचाई है. स्वामी अमित चैतन्य बताते हैं कि वर्तमान ट्रस्टी पिछले कई बरसों से आश्रम की गतिविधियां अत्यंत महंगे दामों पर संचालित कर रहे हैं. इसके बाद भी पूरी दुनिया से लोग आ रहे हैं.

कोरेगांव पार्क में ओशो आश्रम का संचालन

बता दें कि ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन, पुणे के अत्यंत महंगे इलाके कोरेगांव पार्क स्थित ओशो आश्रम का संचालन करता है. ट्रस्ट के सदस्यों ने आश्रम के तीन एकड़ में फैले स्वीमिंग पूल और गार्डन वाले हिस्से को बेचने का प्रस्ताव चैरिटी कमिश्नर ऑफिस के समक्ष रखा है. ट्रस्टियों के अनुसार कोविड के कारण आश्रम में ध्यान गतिविधियां बंद हैं. कैश फ्लो बंद है. घाटा पूरा करने के लिए आश्रम का एक हिस्सा बेचना जरूरी है.

औने-पौने दामों में बेचने की तैयारी

पत्र में लिखा है, जो जगह 150 से ज्यादा देशों में मौजूद ओशो सन्यासियों के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं, उसका एक हिस्सा आज बिकने जा रहा है. आर्थिक संकट बताकर बेचना चाहता है. ट्रस्ट उस अनमोल जगह को औने-पौने दामों में बेच रहा है.

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