सरगुजा। अन्त्यावसायी विभाग के अधिकारी और चर्चित नाम सीआर नवरतन विभाग के लिए रत्न निकले या नहीं पर नौ रत्नों से ज़्यादा इनके काले कारनामो की फ़ेहरिस्त है. इनके संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता अंबिकापुर निवासी एएन पाण्डेय सालभर पहले भ्रष्टाचार का ख़ुलासा करते हुए अंबिकापुर के कोतवाली में अपराध दर्ज कराया था.

अम्बिकापुर-सरगुजा के पदस्थापना की अवधि में उनके भारी भ्रष्टाचार के कारनामे पर पुलिस थाना अम्बिकापुर में प्रकरण क्रमांक 323/14 दर्ज है जो कि न्यायालय में चल रहा है. उसमें इनकी गिरफ्तारी के लिए प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम रायपुर को स्वीकृति हेतु भेजा गया है.  किन्तु इस शख्स की पहुंच औेर हथकण्डों के कारण अभी तक गिरफ्तारी स्वीकृति अप्राप्त है. सरगुजा में भ्रष्टाचार के मामले में गंभीर आरोपों से घिरे सीआर नवरतन ने जमकर अपनी काली कमाई लुटाई और अब तक कानून को चकमा देते हुए ख़ुद को बचाए रखा.

एएन पाण्डेय के मुताबिक़ उक्त भ्रष्ट अधिकारी प्रदेश में  जहां-जहां भी रहा, जैसे कोरबा बिलासपुर आदि, सभी स्थानों के भ्रष्टाचार के प्रकरण इन पर हैं.  पर ज़नाब अपने रसूख-पैसे और तिकड़म के कारण साथ ही  निगम के वरिष्ठ  अधिकारियों की सांठ-गांठ की वजह से सभी प्रकरण विचित्र ढंग से सुलटाए और दबाए जा रहे है.  इसका ज्वलन्त उदाहरण इनकी बिलासपुर में अगस्त 1988 से नवम्बर 1991 तक की कार्यपालन अधिकारी के पदस्थापना के समय की है. जहां इन्होने निगम के निर्देशों की अवहेलना करते हुए मनमानी कार्रवाई की एवं विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाबजूद  निगम द्वारा पूर्णतः दोष मुक्त करार दिए गए.

इसकी जानकारी होने पर एएन पाण्डेय ने छ.ग. राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित एवं विकास निगम रायपुर में  सूचना के अधिकार के तहत् बिलासपुर के प्रकरण के दस्तावेजों की मांग की थी.  जो 201 पृष्ठों में मुहैया करा दी गई है.  इसके अवलोकन से ऐसे तथ्य उजागर हुए हैं जिसे जानबूझकर पूर्णतः अनदेखा कर रहस्यमय ढंग से इन्हें निर्दोष करार दिया गया है जबकि इन्हे बर्खास्त कर  दिया जाना चाहिए. वैसे तो सी.आर. नवरतन के विरूद्ध दर्जनों मामले लगभग पदस्थापना वाले जिलों में पर दो आरोप साबित होने के बाद भी आज भी न्याय के इंतजार में है –

आरोप क्रमांक-1– नवरतन ने जिला समिति बिलासपुर के कार्यकाल के दौरान भूमि स्वामी से मिलकर कपटपूर्वक षड़यंत्र रच कर 120.50 एकड़ भमि क्रय कर रूपए 5000/-प्रति एकड़ के मान से भुगतान कर राशि का दुरर्वियोजन किया गया जो कि निगम कर्मचारी सेवा नियम क्रमांक-23 के अंतर्गत दण्डनीय है.

आरोप क्रमांक-2 – सी.आर. नवरतन तत्कालीन कार्यपालन अधिकारी जिला समिति बिलासपुर के कार्यकाल के दौरान आवास योजनांतर्गत बिना योजना स्वीकृति, लक्ष्य, आवंटन के अभाव में बाहरी व्यक्ति से मिल कर कपट पूर्वक षणयंत्र कर 27 प्रकरण तैयार कर रूपये 1,08,238/- मात्र का अनुदान अवैध रूप से वितरित कर धन राशि दुरर्वियोजन किया, जो कि निगम कर्मचारी सेवा निगम कमांक-23 के अंतर्गत दण्डनीय है।

बहरहाल इन आरोपों से संबंधित विस्तृत  विवरण, गवाहों की सूची और अभिलेखों की सूची माननीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव विवेक ढांड के आलावा प्रबंध संचालक अन्त्यावसायी और उच्चधिकारियों को शिकायत के साथ संलग्न कर भेजी गई है. जिसे संबधित जाँच अधिकारियों को पढने की ज़रूरत है क्योंकि आरोप की विस्तृत विवरण एवं जांच अधिकारी के लम्बे जांच विवरण जिसमें गवाहों के बयान प्रति परीक्षण आदि दर्ज है.

आवेदन में एएन पाण्डेय ने कहा है कि उसने केवल कुछ ही प्रासंगिक मुद्दे ही अभी उठाये है जो कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को सेवा से पृथक करने के लिये यथेष्ठ है.  अन्य अनेक महात्वपूर्ण मुद्दे उठाने पर अनेक पृष्ठों की जरूरत पड़ेगी। अतऐव आवेदक इतना ही आपके ध्यान में लाकर दोषी को उचित दण्ड देने की और न्याय की रक्षा करने की प्रार्थना करता है.