कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। क्राइम ब्रान्च पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। मुखबिर की सूचना पर शहर के पॉश इलाके में आईजी अरविंद सक्सेना के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई की गई है। शहर की पॉश कॉलोनी माधव नगर स्थित होटल के कमरे में फर्जी कॉल सेंटर चला कर ठगी गिरोह संचालित किया जा रहा था। आईजी अरविंद सक्सेना के निर्देश पर क्राइम ब्रांच ने छापामार कार्रवाई के दौरान मौके से एक महिला सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

 ठग यूनाइटेड स्टेट और यूनाइटेड किंगडम, ब्रिटेन और दुबई सहित अन्य देशों के लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाते थे। फर्जी कॉल सेंटर से क्राइम ब्रांच ने 08 लैपटॉप,माउस,15 मोबाइल,इंटरनेट मॉडेम,कॉलिंग स्क्रिप्ट,डाटा सीट सहित अन्य सामान जब्त किया गया है। गिरोह का मास्टरमाइंड दुबई से मॉनिटरिंग करता था। फिलहाल पुलिस सायबर सेल मुख्यालय की मदद से ठग गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश के साथ आगे की जांच शुरू कर दी है।

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मुखबिर की सूचना पर ऐसे पहुंची टीम

दरअसल ग्वालियर जोन आईजी अरविंद सक्सेना को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि थाना झांसीरोड के माधवनगर स्थित आशीर्वाद होटल की दूसरी मंजिल पर एक कमरे में कुछ लोग अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेन्टर की आड़ में ठगी गिरोह चला रहे हैं। ये यूएस सहित विदेशों में रहने वाले नागरिकों को कॉल करके अलग अलग तरह का झांसा देकर धोखाधड़ी कर लाखों रूपये ऐंठ रहे हैं।

आईजी के निर्देश पर मुखबिर के बताई जगह पर कराईं ब्रांच और थाना पुलिस बल ने माधवनगर स्थित आशीर्वाद होटल पहुंचे,जहां होटल का गेट खुलवाया और उसकी दूसरी मंजिल पर पहुंचकर दबिश दी तो कमरे में 06 लड़के, 01 लड़की लेपटॉप के सामने बैठकर कान में हैडफोन लगाकर  eyeBeam voip calling एप के माध्यम से अंग्रेजी में बात कर रहे थे। जिन्हें फोर्स की मदद से कुर्सी पर बैठे ही पकड़ लिया। क्राइम टीम को लैपटाप की स्क्रीन पर जो कॉल ऑप्शन जिनमे डॉयल, मिस्ड और रिसीव्ड कॉल नम्बर भारत के न होकर यूएस सहित विदेशी इंटरनेशनल नंबर के निकले।

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ऐसे जमाया गया ठगी का सेटअप

कॉल सेंटर मे काम करते पाये गये लड़के लड़कीयो से शुरुआती पूछताछ की गई। जिसमें जानकारी सामने आई कि वे लोग ग्वालियर में करीब 07 दिन पहले आये थे और तभी से काम कर रहे थे। यहां काम करने के लिये जगह और फर्नीचर का सेटअप संजय भदौरिया निवासी मुरैना ने कराया था। वहीं कर्ण ने लैपटॉप, मोबाइल फोन वाईफाई (राउटर) सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध कराये थे।

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कॉलिंग के लिए डाटा और मोबाइल नम्बर मोंटी सिकरवार देता था जिसके जरिये यूएस और भारत के बाहर रहने वाले लोगों से  मोबाइल नंबर पर ij eyebeam voip calling एप के जरिये बात की जाती थी। इस दौरान माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का एजेंट बनकर कम्प्यूटर में वायरस होने का झांसा दिया जाता था। फिर गिफ्ट बाउचर जैसे एप्पल, वालमार्ट, गेमस्टाप, वीजा के जरिये धोखाधड़ी कर ठगी का शिकार बनाया जाता था।

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देशी आरोपियों का विदेशी नाम

पकड़े गये ठग विदेशी लोगों से बात करते समय अपना असली नाम न बताते हुये विदेश में प्रचलित नाम बताते थे। ऐसे देशी नाम विदेशी नाम मे बदल कर ठगी का जाल विछाया गया।

ठगी के खेल में भी इंसेंटिव का टारगेट

गिरोह के सदस्य मोन्टी और कर्ण के द्वारा सभी को प्रतिमाह 20,000 से 25,000 रुपये सैलरी नगद, रहने खाने का खर्चा दिया जाता था। जो जितनी राशि की ठगी करता था उसे 05 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन भी दिया जाता था। फिलहाल मौके पर जब रैकेट के कॉल सेंटर से जुड़े दस्तावेज मांगे गए तो वे पुलिस को नहीं दे पाए।

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पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया मामला,जांच की शुरू

ये सायबर ठग गिरोह झांसा देकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करता था। पुलिस ने अभय राजावत, नीतेश कुमार, दीपक थापा, परवेज आलम, स्वेता भारती, राज कैलाशकर, सुरेश वासेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 120बी और 66-डी आईटी एक्ट के तहत थाना झांसीरोड में मामला दर्ज आरोपियों को गिरफ्तार किया।

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से तैयार किया गया था फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर

पुलिस टीम ने होटल के कमरे से लैपटॉप-8, माउस, मोबाइल फोन-15, एक एयरटेल एक्सट्रीम फाइबर मॉडम मैक  304F75EA52B1 मय एडाप्टर, कॉलिंग स्क्रिप्ट, डाटा सीट, हेडफोन, टेन्डा कंपनी का एक्सटेंशन, लेन केवल, पावर एक्सटेंशन बोर्ड-02, कुर्सियां 07, टेबल 05, रिस्ट वॉच 02 को विधिवत जब्त किया है।

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देश से खेल विदेश में झांसे का खेल

ग्वालियर रेंज के आईजी अरविंद सक्सेना का कहना है कि गिरोह के सदस्यों के जरिए देश में बैठकर विदेशी लोगों को शिकार बनाया जाता था। ऐसे में भोपाल साइबर मुख्यालय की मदद से आगे की जांच शुरू कर दी गई है। सभी आरोपी अलग अलग राज्य और जिले के निवासी होकर कॉल सेन्टर के माध्यम से  ठगी का शातिर जाल बुनते थे। पुलिस से बचने आये दिन अपना ठिकाना भी बदलते रहते थे। ऐसे में आरोपी के नाम, पते के संबंध में तस्दीक करते हुए आगे की जांच शुरू की गई है।

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