राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव का सबसे दिलचस्प मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ यानी छिंदवाड़ा लोकसभा के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गया है. नाथ परिवार के कब्जे वाली और आदिवासी बाहुल सीट छीनने के लिए बीजेपी कमलनाथ के करीबी और आदिवासी वर्ग के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कर एक के बाद एक बड़े झटके दे रही है. एक सिटिंग विधायक, महापौर के बाद अब एक और वर्तमान विधायक को बीजेपी में लाने की जोर-शोर से रणनीति आगे बढ़ाई जा रही है. वहीं समीकरणों को भांपकर कमलनाथ ने नई प्लानिंग पर मंथन शुरू कर दिया है.

छिंदवाड़ा लोकसभा सबसे हाईप्रोफाइल सीट

मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों में से सबसे हाईप्रोफाइल सीट अब छिंदवाड़ा लोकसभा हो गई है. क्योंकि यहां मुकाबला जितना दिलचस्प होता जा रहा है उससे अधिक दिपचस्पी लोगों को यहां आए दिन बदल रहे समीकरणों को लेकर है. कमलनाथ ने जिस आदिवासी युवक को जमीन से उठाकर न सिर्फ जननेता बनाया बल्कि छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर का ताज पहनाया था. उस विक्रम अहाके ने सोमवार को नाथ परिवार के साथ कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इससे पहले बीजेपी ने नाथ परिवार के वफादार अमरवाड़ा विधानसभा से विधायक कमलेश शाह को बीजेपी में लाकर छिंदवाड़ा कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था.

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल का सिलसिला जारी

आदिवासी वर्ग के इन बड़े चेहरों के साथ बीजेपी छिंदवाड़ा कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को भी बीजेपी पार्टी ज्वाइन करा चुकी है. इतना ही नहीं बीजेपी छिंदवाड़ा जिले के एक और वर्तमान विधायक को पार्टी में लाने की तैयारी में जुटी हुई है. कांग्रेस के सात पार्षद, पाढुर्ना नगर पालिका अध्यक्ष संदीप घोटोड़े, 16 सरपंच भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. तो कमलनाथ के करीबी कांग्रेस नेता सैयद जाफर, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना, पूर्व मंत्री तेजीलाल सरयाम की बहू सुहागवती सरयाम भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं.

आदिवासी वोट बैंक निर्णायक भूमिका में

इधर, बीजेपी से मिल रहे एक के बाद एक झटकों के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर कमलनाथ नई योजना पर मंथन कर रहे हैं, क्योंकि छिंदवाड़ा में आदिवासी वोट बैंक का अच्छा प्रभाव है. यहां हार-जीत में आदिवासी वोट बैंक निर्णायक भूमिका में है. इस संबंध में बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा है कि बीजेपी मिशन 29 पर लगातार काम कर रही है. आगे-आगे देखते जाइए होता है क्या. वहीं कांग्रेस मीडिया के पूर्व चेयरमैन केके मिश्रा ने कहा है कि छिंदवाड़ा की जनता कमलनाथ के साथ है.

नकुलनाथ दूसरी बार लोकसभा प्रत्याशी

बता दें कि छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ दूसरी बार लोकसभा के चुनावी मैदान में हैं. वहीं बीजेपी ने नकुलनाथ के सामने बंटी साहू को मैदान में उतारा है. 2019 में बीजेपी ने 29 में से 28 सीट पर एकतरफा जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस के खाते में एकमात्र छिंदवाड़ा सीट आई थी. नकुलनाथ को लोकसभा चुनाव में करीब 37 हजार वोटों से जीत मिली थी.

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