चंकी बाजपेई, इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डेढ़ लाख के नकली नोट पकड़े हैं. साथ ही 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. आरोपियों ने नोट बंद होने के बाद भी 2 हजार के कई नोट प्रिंट करके मार्केट में चला चुके हैं.

दरअसल, पूरा मामला इंदौर के अन्नपूर्णा थाना का है. जोन 4 के एडीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि फरियादी गौरव जैन ने सुदामा नगर में शिकायत की थी कि कुछ लोगों द्वारा नकली नोट छाप कर मार्केट में चलाए जा रहे हैं. पुलिस नें सूचना मिलते ही इस मामले में एक टीम गठित की एवं आरोपियों की तलाश शुरू कर दी.

मामले में पुलिस नें गणेश पिता कन्हैयालाल निवासी सुदामा नगर, दूसरा विक्रम पिता भागचंद्र निवासी शिव सिटी, तीसरा प्रेयस पिता चंद्रशेखर निवासी पारसी मोहल्ला छावनी, चौथा राजेश पिता टेकचंद बारबड़े और पांचवा प्रवीण पिता झाम सिंह निवासी सिलिकान सिटी को पुलिस नें गिरफ्तार किया है. वहीं छठे आरोपी की तलाश की जा रही है.

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पुलिस ने इस मामले में बताया कि सभी आरोपी लगभग अभी तक 25 से 30 लाख रुपए के नकली नोट बाजार में चला चुके हैं. दारु पीने नकली नोट प्रिंट करने के लिए हाईटेक प्रिंटर से लेकर स्टांप पेपर में यूज़ होने वाले पेपर का इस्तेमाल किया है. पुलिस ने बदमाशों के पास से लगभग 1 लाख 60 हजार रुपए के नकली 500 और 200 के नोट बरामद किए हैं. यह भी जानकारी सामने है कि इसके पहले भी बदमाशों ने 2000 के नोट भी छाप कर बेचे हैं, लेकिन सरकार नें जब से 2000 के नोट बंद होने की घोषणा की है तब से इन्होंने उसका प्रिंट करना बंद कर दिया था.

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इसमें एक आरोपी राजेश बरबड़े के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि वह यूपी का रहने वाला है और उसने वहां पर अपने आप को मृत घोषित कर नकली डेट सर्टिफिकेट भी बनवा रखा है. यहां पर वह अशोक चौहान के नाम से फर्जी आईडी बनवाकर और अकाउंट खुलवाकर उनमे नकली नोटों के कारोबार से कमाया हुआ रुपयों का लेनदेन करता था. पुलिस के हिसाब से राजेश बरबड़े ही इस गैंग का मुख्य मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.