रायपुर. मरवाही विधायक अमित जोगी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को पत्र लिखकर किसानों के हितों की अनदेखी पर हस्तक्षेप की मांग की है. जोगी ने लिखा है कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण आज प्रदेश का अन्नदाता आत्महत्या करने को विवश है. पत्र में मुंगेली में हाल ही में किये गये एक किसान द्वारा आत्महत्या का भी जिक्र किया गया है.

जोेगी ने अपने पत्र के प्रदेश में लगातार किसानों द्वारा किये जा रहे आत्महत्या को रोकने के लिए सरकार से किसानों का कर्ज माफ किये जाने की भी मांग की है. जोगी ने इस पत्र मेें उन भाजपा शासित राज्यों का भी उल्लेख किया है. जहां की सरकारों ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उनका कर्ज माफ कर दिया है. ऐसे में रमन सिंह से भी मांग की है की वे बड़ा दिल दिखाते हुए किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा करें. जिससे किसान अत्यधिक आर्थिक दबाव से मुक्त हो सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें.

जोगी ने पत्र के माध्यम से मुंगेली में किसान विजय अंचल की आत्म हत्या का जिक्र करते हुए लिखा है की उसके ऊपर 19 अप्रैल तक 49,817 रूपए का कर्ज था.उपरिवार में 2 बच्चे हैं और वे अकेले कमाने वाले थे. सरकार द्वारा कोई सहायता प्रदान नहीं किये जाने पर हताश होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. ओर उसके बाद जिला प्रशासन ने इस पर लीपापोती करते हुए विजय अंचल को किसान मानने से ही इंकार कर रहा है. जबकि हकीकत यह है कि उनके दादा महेतरा अंचल के पास छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक द्वारा 10 अक्टूबर 2011 को सेतगंगा (बिलासपुर) शाखा से जारी किया गया किसान क्रेडिट कार्ड और पासबुक है. जो उन्हें किसान सिद्ध करता है.

अमित जोगी ने प्रदेश के सहकारिता मंत्री और मुंगेली जिले के प्रभारी मंत्री दयालदास बघेल के आगमन पर उनका फूल मालाओं और आतिशबाजी से स्वागत किये जाने पर आपत्ति दर्ज की है.

अमित जोगी ने आगे मुंगेली जिले से जुड़े एक अन्य महत्वपूर्ण विषय पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है. जोगी ने लिखा है कि पूर्ववती सरकार द्वारा मुंगेली विकासखंड के गाँवों तक पानी पहुंचाने के लिए आगर, हांफ और मनियारी नदियों पर परियोजनाएं प्रस्तावित की गयी थी. जिनका सर्वेक्षण कार्य भी पूर्ण हो गया था. डॉ रमन सिंह के पिछले 14 साल कार्यकाल में इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए क्या कदम उठाये गए है. इस पर भी सरकार श्वेतपत्र जारी करे क्योंकि यह सभी जानते है कि मुंगेली का जलस्तर अब पहले की तुलना में आधे से भी कम रह गया है.