सत्यपाल सिंह,रायपुर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ सत्र के लिए 15 जुलाई तक किसानों का फसल बीमा होना है. केंद्र सरकार ने यह बीमा योजना पूर्णता स्वैच्छिक किया गया है. यानी किसानों के बिना सहमति के ऋणी और अऋणी कृषकों का जबरन बीमा नहीं किया जाएगा. इस आदेश के बावजूद भी पिछले वर्ष षड्यंत्र के तहत ना चाहने वाले किसानों से जबरन बीमा कर किसानों की गाढ़ी कमाई लूट लिया गया था. इसके बावजूद भी फसल खराब होने की स्थिति में किसान बीमा के फायदे से वंचित था. प्रधानमंत्री फसल बीमा का किसानों ने विरोध किया है.

किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि इस वर्ष भी किसानों को धोखे में रखकर जबरन किसानों के ऋण खाते से राशि काटकर बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने की पूरी तैयारी है. किसान अपना हित स्वयं निर्धारण करें. अगर उसको बीमा का लाभ मिलता है, तभी सहमति पत्र दें. अन्यथा अपने सोसाइटी या बैंक को असहमति पत्र जरूर देखें.

किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि जो कृषक असहमति पत्र नहीं देता उसका भी जबरन बीमा ना करें, क्योंकि यह मात्र बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने का तरीका है. उन्होंने कहा कि फसल बीमा का मुआवज़ा उनकी क्षेत्र के किसानों को मिल रहा है, जहां नेता मेहरबान हो रहे हैं. राजनांदगांव में अकाल पड़ा ही नहीं था, लेकिन वहां के सभी लोगों को मुआवज़ा दिया गया है. लेकिन जहां-जहां अकाल घोषित था, वहां के किसानों को मुआवज़ा नहीं मिला है.

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