संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) राजनीतिक ने पांच मार्च को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से नाकाम रहने के बाद अब 10 मार्च को राज्य में आप विधायकों के घरों के सामने धरना देने की घोषणा की है।
यह फैसला लुधियाना में एसकेएम राजनीतिक से जुड़े किसानों की हुई आपात बैठक में लिया गया। ढाई घंटे तक चली इस बैठक में डेढ़ दर्जन से अधिक किसान संगठनों के नेताओं ने तय किया कि किसान 10 मार्च को आप विधायकों के घरों के आगे धरना देंगे और विधायकों को मुख्यमंत्री द्वारा किसानों से किए गए वादों को याद दिलाएंगे।
सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक धरना
इस दिन किसान सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक धरना देंगे। बैठक के बाद किसान नेता बलदीप सिंह निहालगढ़, हरिंदर सिंह लक्खोवाल और बूटा सिंह ने कहा कि वे 15 मार्च को सुबह 11:30 बजे चंडीगढ़ के किसान भवन में मुख्यमंत्री को चर्चा के लिए खुला न्यौता दे रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री किसी अन्य स्थान पर किसानों से बात करना चाहते हैं तो वे उसके लिए भी तैयार हैं। किसान नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों की मांगों को केंद्र का बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। हमारी कई मांगों को समाधान प्रदेश सरकार कर सकती है। बासमती, मक्की, आलू, गोभी, मूंगी को एमएसपी पर खरीदना पंजाब से ही संबंधित हैं।
लुधियाना में होगी किसानों की बैठक
चंडीगढ़ कूच विफल होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) अब संघर्ष को और तेज कर सकता है। इसे लेकर किसान संगठनों की शुक्रवार को लुधियाना में बैठक होने जा रही है। जिसमें संघर्ष की अगली रणनीति तय की जाएगी।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि सरकार अपने हक के लिए लड़ रहे किसानों के साथ ज्यादती कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। किसान संगठन बैठक करके अगली रणनीति पर विचार करेंगे। माना जा रहा है कि किसान नेताओं के साथ बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान की तल्खी और उसके अगले दिन ही किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने से नाराज किसान नेता बड़ा फैसला ले सकते हैं।

वहीं, लुधियाना में होने वाली बैठक को लेकर पंजाब सरकार भी सक्रिय है। सरकार की नजर भी इस बैठक पर टिकी हुई है क्योंकि सरकार ने सख्ती करके 5 मार्च को चंडीगढ़ में लगने वाले धरने को तो विफल कर दिया लेकिन सरकार की चिंता यह भी हैं कि वह कोई दूसरा बड़ा कदम न उठा लें।
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