नई दिल्ली। वायु सेना के लिए चार राफेल लड़ाकू विमानों का 5वां बैच 21 अप्रैल को भारत पहुंचा. फ्रांस के मेरिगनैक एयर बेस से सीधे उड़ान भरकर राफेल लड़ाकू विमानों ने फ्रांस और यूएई की वायु सेना के एयर-टू-एयर रीफ़्यूलिंग सपोर्ट के साथ लगभग 8000 किमी की दूरी तय की.

इन लड़ाकू विमानों को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने फ्रांस के सैन्य हवाईअड्डे से भारत के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया था. अपने पांच दिवसीय फ्रांस दौरे के तीसरे दिन एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने राफेल विमान प्रशिक्षण केंद्र का भी दौरा किया. इस दौरान उन्होंने समय पर इन विमानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फ्रांसीसी विमानन उद्योग का धन्यवाद भी किया.

फ्रांस के आधिकारिक दौरे पर आए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने पायलटों की सराहना की और भारत के लिए राफेल विमानों के अगले बेड़े को भारत की सीधी उड़ान पर रवाना किया. इस दौरान फ्रांसीसी वायुसेना और यूएई वायु सेना के विमानों द्वारा हवा में ही ईंधन भरा गया. इस अवसर पर भारतीय दूतासाव की ओर से किए गए ट्वीट में कोविड के बावजूद समय पर आपूर्ति और पायलटों के प्रशिक्षण के लिए फ्रांस, विशेष रूप से एफएएसएफ और फ्रेंच इंडस्ट्री को धन्यवाद दिया गया.

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18 हुई राफेल विमानों की संख्या

चार राफेल लड़ाकू विमानों के भारत पहुंचने के बाद देश में अब इनकी संख्या 18 पहुंच गई है. 14 विमान इससे पहले चार खेपों में भारत पहुंच चुके हैं, और उनकी तैनाती भी कर दी गई है. अब तक आए राफेल विमानों को अंबाला एयरबेस में तैनात किया गया है. आने वाले राफेल विमानों को पश्चिम बंगाल स्थित हाशिमारा एयरबेस में तैनात किया जाएगा.

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