रायपुर.  सीवी रमन यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलसचिव व प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष पांडेय ने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर राजनीतिक षड्यंत्र है. विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने और उनकी राजनीतिक छवि को खराब करने के लिए कुछ नेताओं द्वारा यह राजनीतिक खेल खेला जा रहा है.

पांडेय ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि शिकायतकर्ता कोटा में शराब दुकान के लिए चखना सेंटर चलाता है. यह चखना सेंटर बिलासपुर के मंत्री ने उसे दिलाया है.  पांडेय ने कहा कि जानकारी यह भी है कि उसके खिलाफ कई बार शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं. उन्होंने जोरदेते हुए कहा कि सत्ता के दबाव में यह एफआईआर की गई है, जल्द ही पूरे मामले पर बड़ा खुलासा किया जाएगा. इसके सारे दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं. इसके पीछे जो भी बड़े नेता और कार्यकर्ता है सबके नाम का प्रमाणित तथ्यात्मक खुलासा जल्द ही किया जाएगा.

पांडेय ने कहा कि किसी भी शिकायत की जांच करना पुलिस प्रशासन का काम है और यह काम होना भी चाहिए। इसके लिए हम सहयोग करने को भी तैयार हैं, लेकिन पुलिस ने बिना जांच किए सीधे मामले में अपराध दर्ज किया है. इसका सीधा अर्थ है कि वह दबाव में और व्यक्तिगत द्वेष को लेकर कार्य कर  रही है.

उन्होंने यह आरोप लगाया कि जिन चार वरिष्ठ लोगों के नाम पर एफआईआर की गई है, उन नामों के चयन का आधार क्या है। चौबे जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं, जो सीधे तौर पर नहीं जुड़े होते हैं। इसी तरह डिप्टी रजिस्ट्रार प्रशासन और डिप्टी रजिस्ट्रार मानव संसाधन के नामों का चयन का आधार क्या है। यह बात भी पुलिस को पहले सोचने और जांच के दायरे में लेनी चाहिए थी.

पूरे मामले में सरकार और उसके मंत्री संलिप्त हैं और प्रशासनिक सत्ता के दुरुपयोग करके पूरे मामले में कार्रवाई की जा रही है। पांडेय ने कहा कि इस मामले में हम न्यायालय की शरण में जाएंगे और उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक बात रखी जाएगी.

इधर किरणमयी नायक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शैलेष पाण्डेय के साथ हर मोर्चे पर खड़ी है. कांग्रेस नेता के खिलाफ एफआईआर मंत्री के दबाव में किया गया है. चूंकि शैलेष पाण्डेय बिलासपुर के मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे थे इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.