दिल्ली। कनार्टक चुनाव को लेकर आज राजनैतिक सरगर्मी उस वक्त और तेज हो गया, जब राज्यपाल ने रात 9 बजे बीजेपी के येदुरप्पा को सरकार बनाने का निमंत्रण दे दिया और साथ ही कह दिया कि कल सुबह 9 बजे शपथ दिलाया जायेगा. साथ ही राज्यपाल ने येदुरप्पा को 15 दिन में बहुमत सिद्ध करने का मौका दे दिया है. इस बात को लेकर कांग्रेस और जेडीएस में हड़कंप मच गया. तत्काल कांग्रेस और जेडीएस ने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कांग्रेस के तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने रात 10.40 को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्टार के पास अर्जी दिया और अर्जेन्ट सुनवाई का निवेदन किया, जिसके बाद असिस्टेंट रजिस्टार ने तत्काल कांग्रेस की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास जाकर कांग्रेस की अर्जी की जानकारी दिया, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने 3 जजों की एक बेंच तय कर सुनवाई करने के लिए कहा और मध्य रात्रि को 2 बजकर 12 मिनट पर सुनवाई शुरू किया गया।

कांग्रेस ने सुनवाई के दौरान गोवा की दलील को रखा कि गोवा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी नहीं थी.उसके बावजूद भी वहां के राज्यपाल ने बहुमत के आधार पर बीजेपी को पहले सरकार बनाना का निमंत्रण दिया था.फिर कर्नाटक में राज्यपाल ने ऐसा क्यों नहीं किया.वैसे आपको बता दे कि राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी को पहले सरकार बनाने का निमत्रण देता है. कांग्रेस ने कोर्ट में दलील दिया कि येदुरप्पा ने बहुमत सिद्ध करने के लिए 7 दिन का समय माँगा था लेकिन राज्यपाल के द्वारा बहुमत सिद्ध करने के लिए  15 दिन का समय क्यों दिया, इससे तोड़फोड़ की राजनीति हो सकती है. एटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कांग्रेस की इस दलील पर कोर्ट में कहा कि बीजेपी 7 दिन में बहुमत के लिए तैयार है, और कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट का इंतेजार करना चाहिए. इतनी रात को अर्जी क्यों लगाई. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ये राज्यपाल का सवैधानिक अधिकार होता है और वो अपने विवेक से निर्णय ले सकता है कि वो किसको सरकार बनाने का निमंत्रण देता है.कोर्ट उनके अधिकारो पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.

कांग्रेस के तरफ से सिंघवी ने मांग किया कि इस शपथ ग्रहण को 2 दिन टाला जाये और 2 दिन तक सुप्रीम कोर्ट मामले को विस्तार से सुने.सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि ऐसी क्या जल्दी थी कि राज्यपाल ने इतने जल्दी शपथ ग्रहण का मौका दे दिया और सुबह ९ बजे शपथ ग्रहण करवा रही है.

सुप्रीम कोर्ट से येदुरप्पा को एक बड़ी राहत मिल गयी

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की लगभग 3 घंटे तक दलील सुनने के बाद भी अपना अंतिम फैसला नहीं सुनाया और बीजेपी के येदुरप्पा को नोटिस जारी कर दिया है, और बीजेपी विधायकों की लिस्ट शुक्रवार सुबह 10.30 बजे तक जमा करने कहाँ है। कोर्ट ने आगे कहाँ कि जब तक विपक्षी पार्टी को नहीं सुनेंगे तब तक कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता है. कोर्ट के तरफ से शपथ पर रोक नहीं लगाया गया. इससे येदुरप्पा को एक बड़ी राहत मिल गयी. और उनके लिए एक बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया और वो सुबह 9 बजे शपथ लेंगे। जबकि सिंघवी ने अंत तक जिरह करते रहे कि शाम 4.30 तक शपथ को टाल दिया जाये या सिर्फ 3 घंटे के लिए शपथ ग्रहण को टाल दिया जाये। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर कह दिया कि येदुरप्पा की शपथ पर रोक नहीं लगेगी। कोर्ट ने कहाँ कि शुक्रवार को 10.30 बजे तक फिर सुनवाई होगी। लेकिन कोर्ट का जो भी फैसला आये येदुरप्पा फैसला आने तक एक बार मुख्यमंत्री बन जायेंगे।

देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ 

आपको बता दे कि देश के इतिहास में ये दूसरा मौका है जब किसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट आधी रात को सुनवाई किया हो. इससे पहले एक बार और ऐसा मौका आया था जब सुप्रीम कोर्ट ने आधी रत को सुनवाई किया था, लेकिन उस समय वह एक अपराधिक मामला था जिसमे याकूब मेमन के फांसी को लेकर सुनवाई हुआ था, लेकिन राजनैतिक मामले में पहली बार ऐसा हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने आधी रात को सुनवाई किया।