पटना: लंबी लड़ाई और कोर्ट-कचहरी के बाद सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल से रिहा हो गए हैं. रांची हाईकोर्ट से जमानत मिलने के 12 दिन बाद वह जेल से बाहर निकले हैं. वह झारखंड के दुमका कोषागार में अवैध निकासी से जुड़े मामले में 19 मार्च 2018 से सजा काट रहे थे. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के केस में लालू को हाईकोर्ट से यह राहत मिली थी.

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बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते 17 अप्रैल को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में जमानत दे दी थी. लेकिन अधिवक्ताओं के कार्य नहीं किए जाने के कारण बेल बॉड नहीं भरा जा सका था. बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आदेश जारी होने के बाद गुरुवार को लालू प्रसाद के पैरवीकार अधिवक्ता ने दो निजी मुचलके दाखिल किए जिसे कोर्ट ने सही पाकर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक को भेज दिया. इसके साथ ही लालू प्रसाद को जेल से छोड़ने का आदेश जारी किया.

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चारा घोटाला से जुड़े अन्य मामलों जैसे चईबासा और देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद को पहले से ही जमानत मिली हुई है. सिर्फ दुमका कोषागार का मामला ही ऐसा था जिसमें जमानत मिलने पर लालू के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो सकता था. झारखंड हाईकोर्ट ने लालू को इस मामले में भी जमानत दे दी. जिसके बाद उनके जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया. इस मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने लालू प्रसाद को दो धाराओं में सात-सात साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने दोनों सजा को अलग-अलग काटने का निर्देश दिया था. इसी मामले में लालू यादव जेल में थे.