नई दिल्ली। राज्य के दक्षिणी आदिवासी बहुल क्षेत्र की एक बड़ी कुपोषित और गरीब आदिवासी परिवारों को विविध और पौष्टिक भोजन का पूरे वर्ष उत्पादन का अभ्यास कराया जाएगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार और विश्व बैंक ने 10 करोड़ डॉलर की ऋण परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं.

छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण और त्वरित कृषि विकास परियोजना- (चिराग) से छत्तीसगढ़ के आठ जिलों के लगभग एक हजार गांवों के एक लाख 80 हजार से अधिक परिवारों को लाभ मिलेगा. इस ऋण समझौते पर विश्व बैंक के वित्त निदेशक (भारत) जुनैद कमाल अहमद और वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डॉ. सीएस महापात्र ने हस्ताक्षर किए.

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. महापात्र ने कहा कि भारत में कृषि आजीविका का एक प्रमुख साधन है. छत्तीसगढ़ में चिराग परियोजना विविध और पौष्टिक भोजन और कृषि प्रणाली की नींव रखेगी. यह छोटे धारकों को किसान उत्पादक संगठनों में लाएगा और लाभदायक बाजारों तक उनकी पहुंच में सुधार करके आमदनी बढ़ाएगा.