शशिकांत डिकसेना, कटघोरा। कटघोरा वनमण्डल के बांकीमोंगरा बीट में बांसों की अवैध कटाई को लेकर कटघोरा वनपरिक्षेत्राधिकारी व बीट गार्ड के बीच पिछले दिनों हुए विवाद का वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हुआ था. मामले में बीटगार्ड शेखर रात्रे ने वनपरिक्षेत्राधिकारी मृत्युंजय शर्मा व दो अन्य वनकर्मियों के खिलाफ मामला भी कायम कर लिया था. मामले की जांच के नियुक्त अधिकारी ने रिपोर्ट तैयार कर ली, जिसे सीसीएफ और पीसीसीएफ को भेज दिया गया है.

पूर्व में डीएफओ शमा फ़ारूक़ी ने इस मामले की जांच के लिए पाली के एसडीओ को निर्देशित किया था, जिन्हें एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपनी थी. उन्होंने बताया कि सम्बंधित जांच अधिकारी के द्वारा जांच पूरी कर ली गई है, जिसके पश्चात रिपोर्ट सीसीएफ व पीसीसीएफ को प्रेषित कर दिया गया है. रिपोर्ट के आधार पर जल्द फैसला लेंगे.

डीएफओ ने बताया कि जांच के लिए तीन महत्वपूर्ण बिंदु निर्धारित किये गये थे, जिनमें पहला था कि क्या बांसों की कटाई अवैध थी? दूसरा क्या इस कटाई का मकसद किसी तरह की चोरी थी? व तीसरा की क्या बीटगार्ड का व्यवहार उचित था? डीएफओ फ़ारूक़ी ने बताया कि यह कटाई अवैध नहीं थी. ट्री गार्ड के लिए सूखे व टेढ़े बांसों की कटाई की जा रही थी. उन्होंने बताया कि बीट गार्ड शेखर रात्रे का अपने उच्च अधिकारियों के साथ जो व्यवहार था, वह पूरी तरह अनुचित व गैर पेशेवर था.

शेखर रात्रे को चाहिए था कि मौके के हालात से एसडीओ अथवा उन्हें खुद अवगत कराया जाता. ताकि इस पर वे कोई फैसला ले पाते. उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में जब बीटगार्ड शेखर रात्रे कोरबा वनमण्डल में पदस्थ थे, तब भी उनपर अनुशासनहीनता, कार्य मे लापरवाही व बदसलूकी के आरोप में कोरबा वन मंडल अधिकारी द्वारा निलम्बित किया गया था. निलंबन के पश्चात बहाल हो कर कटघोरा वन मंडल में पदस्थ किए गए थे.

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