हकिमुददीन नासिर, महासमुन्द। पर्यावरण संरक्षण एवं पौधारोपण के प्रति आम लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से मनाया जाने वाला वन महोत्सव महासमुंद जिले में महज खानापूर्ति बन गया है. इसका जीता-जागता उदाहरण ग्राम बेलसोण्डा में 4 महीने पहले किया गया पौधरोपण है, जहां पहले तो वन विभाग लक्ष्य के अनुरुप पौधे नहीं लगा पाया. वहीं दूसरी ओर गिनती के जो पौधे लगाए गए थे, उन्हें भी पशुओं ने चर डाला. हैरानी करने वाली बात यह है कि इस भर्राशाही की सीसीएफ को खबर तक नहीं है.
महासमुंद मुख्यालय से दस किमी की दूरी पर ग्राम बेलसोण्डा में एनएच 353 के किनारे चार महीने पहले 4 अगस्त 2021 को 8 एकड़ भूमि पर वन महोत्सव के दौरान पूरे उत्साह के साथ जनप्रतिनिधि एवं आला अधिकारियों ने दो दर्जन पौधे रोपे थे. स्थल पर 2400 पौधे रोपे जाने थे, जिनमें खम्हार, नीलगिरी, सागौन के पौधों के अलावा बीच के जगहों पर सतावर , ऐलोवेरा, हल्दी ,अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधे लगाए जाने थे. लेकिन आज चार माह बाद न तो शेष 2376 पौधे रोपे जा सके हैं, वहीं जो दो दर्जन पौधे रोपे गये थे, वह भी गायब है.
वन महोत्सव के दिन मौजूद ग्राम पंचायत की उपसरपंच का कहना है कि आज की तारीख मे यहा एक भी पौधे नहीं हैं. वहीं दूसरी ओर वन महोत्सव के दौरान मंच से ऐलान किया था इस 8 एकड के राजस्व जमीन को मुख्य मंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत डेमो के रुप मे विकसित किया जाएगा. 2400 पौधे लगेंगे. आज उनका कहना है कि फंड की कमी के कारण अभी कुछ नहीं हो पाया है, जैसे ही फंड स्वीकृत होगा उसे बनाया जाएगा. वहीं मामले में सीसीएफ नायक ने पूरे घटनाक्रम के प्रति अनभिज्ञता जताई है. सवाल है कि इतने बड़े कार्यक्रम से वरिष्ठ अधिकारी कैसे अंजान हैं.
देखिए वीडियो :
https://youtu.be/HvLz-xUE_nQ