रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुधाकर बोदले के अनशन पर अब सियासत हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने ट्वीट कर भूपेश सरकार पर हमला बोला है. रमन सिंह ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में इस कदर डूबी हुई है कि अब उसके अधिकारी ही सरकार के खिलाफ अनशन करने मजबूर हैं. इसके साथ ही रमन सिंह ने कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईंट वितरण योजना में भ्रष्टाचार के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है.

भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में डूबी सरकार-रमन

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि @bhupeshbaghel सरकार भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में इस कदर डूबी हुई है कि अब उसके अधिकारी ही सरकार के खिलाफ अनशन करने मजबूर हैं. @RahulGandhi और @plpunia क्या अब कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे महिला बाल विकास अधिकारी को न्याय दिलाएंगे. शर्मनाक!

भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट पर नहीं हुई कार्रवाई 

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुधाकर बोदले के अनशन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि सुधारक बोदले के कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईंट वितरण योजना में भ्रष्टाचार की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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अनशन पर बैठने महिला अधिकारी ने मांगी थी अनुमति 

महासमुंद में महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ सुधाकर बोदले ने अनियमितता को लेकर अनशन पर बैठने के लिए कलेक्टर से अनुमति मांगी थी. क्योंकि उनकी जांच प्रतिवेदनों पर कार्रवाई नहीं की गई. सुधाकर बोदले ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वर्ष 2020-2021 में स्तरहीन और घटिया उपहार सामग्री क्रय में हुई गंभीर वित्तीय अनियमितता और रेडी टू ईट वितरण योजना में किये गये भ्रष्टाचार का जांच प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत किया था, जिस पर अद्यतन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की यही स्थिति

रमन सिंह ने पत्र में लिखा है कि आपके अधीनस्थ जिला स्तर पर गंभीर भ्रष्टाचार के प्रमाणित साक्ष्यों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की स्थिति में एक जिला स्तर के अधिकारी को भूख हड़ताल पर बैठने के लिये मजबूर होना पड़ा. यह केवल एक जिले या एक विभाग की बात नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में न केवल महिला बाल विकास विभाग बल्कि अन्य सभी विभागों में भी गंभीर वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार और लूटपाट की खूली छूट दी गई है. ऐसा प्रतीत होता है. राज्य गठन के बाद जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी ने भ्रष्टाचार और वित्तीय कदाचरण के मुद्दे पर अनशन पर बैठने की यह पहली घटना है.

रिटायर्ड जज से निष्पक्ष जांच कराने की मांग

रमन सिंह ने भ्रष्टाचार के प्रमाणित अनियमितता से संबंधित जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई के साथ ही इस विभाग की उपरोक्त दोनों और अन्य संचालित जनहितकारी योजनाओं की किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

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