धमतरी। पूर्व वेतनभोगी कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार से आमरण अनशन शुरू किया. सभी कर्मचारी फिर से नियुक्ति की मांग पर अड़े हुए हैं और अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
दरअसल आदिमजाति कल्याण विभाग से संचालित स्कूलों और छात्रावासों में ये कर्मचारी सफाईकर्मी के रूप में काम कर रहे थे. इन्होंने करीब 5 सालों तक यहां काम किया. जिले भर में करीब 200 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. लेकिन 2013 में सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. इस बीच शासन के निर्देश पर उनकी जगह दूसरे कर्मचारियों की नियुक्ति जनभागीदारी समितियों के माध्यम से की गई और हड़ताल पर रहे कर्मचारियों को मौखिक आदेश देकर आदिम जाति कल्याण विभाग ने काम से निकाल दिया था. अब सभी कर्मचारी उन्हें दोबारा नौकरी पर रखने की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि 2013 में मौखिक आदेश के द्वारा 200 में से 90 कर्मचारियों को काम से निकाला गया था.
कर्मचारियों ने तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह से इस मामले की शिकायत भी की थी. जिस पर कलेक्टर ने एक आदेश जारी करते हुए सभी कर्मचारियों को वापस काम पर रखने के निर्देश भी दिए. बावजूद इसके कर्मचारियों को काम पर नहीं रखा गया.
कर्मचारियों ने मांगी इच्छामृत्यु
इधर शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण काम से निकाले गए पूर्व सफाईकर्मियों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई. इससे हताश होकर कर्मचारियों ने इच्छामृत्यु की मांग की थी.