रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर प्रदेश सरकार को घेरा है. बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि ‘दावते इस्लामी’ संस्था को जमीन  देने की तैयारी कर ली गई है. संस्था दावते इस्लामी को 25 एकड़ ज़मीन देने के लिए इश्तिहार छपा है. इसके लिए दावा आपत्ति मांगी गई है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य में ऐसे 5 हज़ार आवेदन हैं, जिन्होंने सामुदायिक भवन के लिए ज़मीन मांगी है. ऐसे लोगों को कहा गया है कि 750 फ़ीट से ज़्यादा ज़मीन नहीं दी जा सकती, लेकिन पाकिस्तान में पंजीकृत संस्था को 25 एकड़ ज़मीन देने के लिए दावा आपत्ति मंगाई गई है, जिस ज़मीन के लिए इश्तिहार निकाला गया है. वहां सरकारी खर्च पर वृक्षारोपण किया गया है.

अग्रवाल ने कहा कि ये संस्था मौलाना इलियाज क़ादरी की है, इस संस्था का पाकिस्तान से क्या सम्बंध है. इस पर हम जवाब चाहते हैं.
ये संस्था भारत में आतंकवाद फैलाने का काम करती है. धर्मांतरण का काम करती है. ऐसी खबरें आई हैं. इस संस्था का आवेदन 2020 का है.

अग्रवाल ने कहा कि कवर्धा की घटना से उबरने कांग्रेस ने धर्म संसद का आयोजन किया था. कांग्रेस के लोग ही कर्ता धर्ता थे. धर्म संसद होने की वजह से हमारे लोग भी इसमें शामिल थे. धर्म संसद में कालीचरण महाराज के दो दिनों तक बोलने के बाद भी उन्हें बोलने का मौक़ा दिया गया.

कालीचरण की गिरफ़्तारी गांधी जी के विचारों के विरुद्ध है. यदि गांधी के विचारों की हत्या कोई कर रहा है तो वह कांग्रेस पार्टी कर रही है. कालीचरण का ऐसा बयान पहली दफे नहीं था, उनके यूट्यूब चैनल पर ऐसे बयान भरे पड़े हैं. जिन लोगों ने पुरानी बस्ती कैंपस में ये कहा था कि संविधान को जला देंगे उनके विरुद्ध राष्ट्रद्रोह का मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया?

अग्रवाल ने कहा कि महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी उचित नहीं, लेकिन रात के अंधेरे में पुलिस ने पकड़ा. छत्तीसगढ़ में बड़ी-बड़ी डकैती हुई. अपहरण हुए, नक्सल घटनाएं घटी, लेकिन रात के अंधेरे में कब गिरफ़्तारियां की गई. छत्तीसगढ़ में आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं, उनमें एक वर्ग विशेष के लोग शामिल हो रहे हैं. राज्य में यदि क़ानून व्यवस्था को बनाए रखना है, तो हम मांग करते हैं कि कालीचरण को तुरंत रिहा किया जाए.

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