भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सूबे की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें हासिल की, जबकि कांग्रेस ने 66 सीटों पर ही सिमट गई. इस चुनाव में दोनों दलों के तकरीबन 130 पूर्व विधायक को अब बंगला खाली करने के लिए गृह विभाग ने नोटिस जारी किया है. हारे पूर्व मंत्रियों और विधायकों को 10 दिन में बंगला खाली करना होगा.

गृह विभाग ने हारे हुए पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सूची तैयार कर ली है. जिसमें जीतू पटवारी, हर्ष यादव, लक्ष्मण सिंह, प्रवीण पाठक, रवींद्र सिंह तोमर जालम सिंह पटेल, केपी त्रिपाठी नाम शामिल है. जिन्हें बंगले खाली करने होंगे. भाजपा-कांग्रेस के 96 विधायक ऐसे हैं, जो चुनाव हार गए. जबकि 34 विधायक ऐसे हैं, जिनके दोनों दलों से टिकट कटे.

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शिवराज सरकार के 31 मंत्रियों में से 12 को हार का मुंह देखना पड़ा. इन मंत्रियों में सिंधिया गुट के तीन मंत्री भी शामिल हैं. जिसमें राजवर्धन सिंह दत्तीगांव 2976 वोट से हारे. महेंद्र सिंह सिसोदिया 14796 वोट से हारे. सुरेश धाकड़ 49481 वोट से हारे. रामखेलावन पटेल 5890 वोट से हारे. राहुल सिंह लोधी 8117 वोट से हारे. भारत सिंह कुशवाह 3282 वोट से हारे. नरोत्तम मिश्रा 7156 वोट से हारे. राम किशोर कावरे 25948 वोट से हारे. गौरीशंकर बिसेन 29195 वोट से हारे. प्रेम सिंह पटेल 11172 वोट से हारे. अरविंद भदौरिया 20228 से हारे. कमल पटेल 870 वोट से हारे. जिन्हें अब बंगला खाली करना होगा.

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विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने मतगणना से पहले ही चुनाव न लड़ने वाले विधायकों को चिट्टी लिखकर नई विधानसभा गठन तक आवास खाली करने को कहा था. पत्र में लिखा कि विधानसभा सचिवालय के पास सीमित आवास है. नरसिंहगढ़ से विधायक रहे राज्यवर्धन सिंह, सारंगपुर से कुंवरजी कोठार, बागली से पहाड़ सिंह कन्नौजे, खण्डवा से देवेन्द्र वर्मा, पंधाना से राम दांगोरे, नेपानगर से सुमित्रा कास्डेकर, जोबट से सुलोचना राव, इंदौर-3 आकाश विजयवर्गीय, उज्जैन उत्तर से पारस जैन, रतलाम ग्रामीण से दिलीप मकवाना को बंगला खाली करने के लिए कहा गया था.

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इसके अलावा प्रमुख सचिव एपी सिंह ने गरोठ से देवीलाल धाकड़, मुरैना से राकेश मावई, गोदर से मेवाराम जाटव, सेंधवा से ग्यारसीलाल रावत, ब्यावरा से रामचंद्र दांगी, नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल, आष्टा से रघुनाथ सिंह मालवीय, शमशाबाद से राजश्री सिंह, बासौदा से लीना जैन, मंडला से देवीसिंह सैयाम, सिहोरा से नंदनी मरावी, देवसर से सुभाष रामचरित्र, श्योपुर से सीताराम आदिवासी, सिंगरौली से रामलल्लू वैश्य, चितरंगी से अमर सिंह, मनगवां से पंचुलाल प्रजापति, त्योथर से श्यामलाल द्विवेदी, हटा से पुरुषोत्तम तंतुवाय, चंदला से राजेश प्रजापति, कोलारस से वीरेन्द्र रघुवंशी और भांडेर से रक्षा सिरोनिया को पत्र लिखकर बंगला खाली करने का आग्रह किया था.

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