मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। जिले के प्रतिष्ठित राजनैतिक परिवार राव परिवार ने एमपी पंचायत चुनाव (mp panchayat election) में इतिहास रच दिया है। प्रदेश और संभवत: देश में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब एक ही परिवार के तीन सदस्य लगातार दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए हैं। आठ जुलाई को एमपी पंचायत चुनाव के आखिरी चरण में अशोकनगर जिले के मुंगावली और चंदेरी जनपद क्षेत्र में वोट डाले गए थे। वोटिंग के बाद मतगणना भी हुई जो देर रात तक चली। मतगणना में जिले के प्रतिष्ठित राजनैतिक परिवार राव परिवार के तीन सदस्यों ने जीत हासिल की। इसमें पूर्व विधायक स्व. राव देशराज सिंह यादव (former MLA Rao Deshraj Singh Yadav) की पत्नी बाई साहब, उनके बेटे यादवेंद्र सिंह यादव और पुत्रवधू अलका सिंह ने जीत हासिल की है।
हालांकि अभी परिणामों की अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। गणना पत्रकों के आधार पर जिला पंचायत के चुनाव में जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशियों की चर्चा तेज हो गई है। इन चर्चाओं में सबसे अधिक चर्चा पूर्व विधायक स्व. राव देशराज सिंह यादव के परिवार की है।
इस बार परिवार के तीन सदस्य चुनाव मैदान में थे और तीनों ने जीत हासिल की। वार्ड 8 में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बाई साहब को साढ़े 6 हजार से भी अधिक वोटों की बढ़त का आकलन समर्थकों ने किया है। जबकि, वार्ड नंबर नौ में अलका यादव की बढ़त भी 5 हजार से अधिक वोटों की है। इसके अतिरिक्त यादवेंद्र को भी वार्ड नंबर 11 से 4 हजार बढ़त का अनुमान लगाया गया है। खास बात यह है कि इससे पहले भी इस परिवार के तीन सदस्य एक ही कार्यकाल में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। 2015 में हुए चुनावों में वार्ड नंबर सात से नीतू चंद्रपाल यादव और दस से रीना अजय यादव चुनाव जीती थी तो इसी साल पूर्व विधायक की धर्मपत्नी बाई साहब यादव ने भी जीत दर्ज की थी। इस बार भी बाई साहब ने वार्ड-आठ से जीत दर्ज की है। उनके ज्येष्ठ पुत्र यादवेंद्र सिंह यादव ने भी 11 से एवं यादवेंद्र की धर्मपत्नी अलका सिंह ने वार्ड ने जीत दर्ज की है। यानि यह लगातार दूसरी बार है जब राव परिवार के तीन सदस्य एक साथ चुनाव जीतकर जिला पंचायत में जनता का प्रतिनिधित्व करेगें। बाई साहब इससे पहले 2005 से लगातार जिला पंचायत सदस्य हैं जबकि यादवेंद्र सिंह 2010 में चुनाव जीते थे तब वह जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी चुने गए थे।
2005 से जीत रहीं बाई साहब
रिकॉर्ड की बात की जाए तो सिलसिला लंबा चलेगा। दरअसल अशोकनगर 2003 में जिला बना और पहली बार 2005 में जिला पंचायत के गठन के लिए चुनाव हुए तो वार्ड- 11 से राव देशराज सिंह के साथ ही उनकी पत्नी बाई साहब भी वार्ड आठ से जिला पंचायत सदस्य बनीं थी। तब से अब तक बाई साहब अपराजिता बनी हुई हैं। यानि उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का हर चुनाव लड़ा और कोई चुनाव नहीं हारा है। इस दौरान 2010 में वह वार्ड आठ से पुन: चुनी गई। साल 2015 में वार्ड दो से चुनावी समर में उन्होंने विजयी पताका फहराई थी। इस बार तो समर्थकों ने बताया कि अम्मां का प्रचार न के बराबर हुआ और केवल बिल्ला पेम्पलेट से चुनाव जीत गईं। उल्लेखनीय है कि बाई साहब ही पिछली जिला पंचायत में अध्यक्ष थीं। वैसे जिले के गठन से पहले भी साल 1995 में देशराज सिंह गुना जिला पंचायत के सदस्य चुन गए थे।
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